अयोध्या : प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम के मद्देनजर शनिवार की शाम से अयोध्या की ओर वाहन नहीं जा सकेंगे। यह प्रतिबंध 22 जनवरी तक लागू रहेगा। लेकिन शादी ब्याह वाले वाहनों को इससे मुक्त रखा जाएगा। इसके लिए प्रशासन को पहले सूचित करना होगा। इस दौरान रूट डायवर्जन लागू रहेगा।
अयोध्या में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा से पहले सप्ताह भर का अनुष्ठान चल रहा है, जिसकी शुरुआत 16 जनवरी से हुई थी. आज अनुष्ठान का 5वां दिन है. 20 जनवरी को शर्कराधिवास, फलाधिवास, पुष्पाधिवास का अनुष्ठान होगा. इसमें भगवान को पुष्प, फल और शकर चढ़ाया जाएगा और वैदिक मंत्रोचारण के साथ उनका आह्वान किया जाएगा. कल के अनुष्ठान में नख से शिखा तक शक्ति का संचार करने के लिए मंत्रोचारण होगा. इसके बाद श्री विग्रह का महाअभिषेक किया जाएगा.आखिरी में 22 जनवरी को दोपहर 12 बजकर 20 मिनट पर प्राण प्रतिष्ठा अनुष्ठान शुरू होगा, जिसमें सोने की सिलासा से भगवान के नयन खोले जाएंगे. इसके साथ ही सप्ताहभर का अनुष्ठान समाप्त हो जाएगा.
ट्रैफिक डायवर्जन शुक्रवार की मध्य रात्रि से लागू हो गया है. लखनऊ, गोंडा, बस्ती, अंबेडकरनगर, सुल्तानपुर, अमेठी से अयोध्या की ओर आने वाले वाहनों को अलग अलग मार्गों से गंतव्य तक भेजा जाएगा. रामलला के प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम के बाद लखनऊ से अयोध्या के बीच हर दिन 80 बसों का संचालन किया जाएगा. हर 20 मिनट पर बसें उपलब्ध होंगी. इससे अयोध्या आने की चाह रखने वाले राम भक्तों को सहूलियत मिलेगी.
राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा समारोह के लिए अतिथियों का अयोध्या पहुंचना शुरू हो गया है. आज से रामनगरी में आम लोगों के प्रवेश पर पाबंदी लगा दी गई है. सिर्फ उन्हीं को एंट्री मिलेगी, जिनके पास निमंत्रण पत्र होगा. स्थानीय निवासियों को भी पहचान पत्र वितरित किए गए हैं, जिससे उनके आवागमन में कोई बाधा न आए.
राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा के दौरान पंडाल परिसर में मौजूद देश-विदेश से आए मेहमानों के लिए विशेष व्यंजनों का प्रबंध किया गया है. बेसन और मेंथी से बना थेपला, पैकेट में एक-एक बादाम बर्फी, मटर कचौड़ी, साथ में दो थोपला पराठा, दो पूड़ी, गाजर-मटर-बींस की सब्जी, मिर्च और आम का अचार होगा. इन सभी चीजों को काशी से आए हलवाई तैयार करेंगे.
श्रीराम जन्मभूमि पथ पर लगभग 5 फीट की तमाम अगरबत्तियां लगाई गई हैं, जो 11 घंटे तक महकती हैं. हर 11 घंटे पर उन्हें आईटीसी द्वारा बदला जाता है. अगरबत्तियों पर राम जन्मभूमि ट्रस्ट का लोगो भी लगा है. इन्हे यहां इसलिए लगाया गया है, जिससे राम मंदिर में दर्शन करने आने श्रद्धालुओं को सुगंध का अनुभव हो. आईटीसी ने इसे सुगंध कॉरिडोर का भी नाम दिया है.