सीताफल की पत्तियों में छिपा है सेहत का खजाना, स्किन को हेल्दी और ग्लोइंग बनाने में करेंगी मदद

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नई दिल्ली : सीताफल, जिसे अंग्रेजी में “Custard Apple” कहा जाता है, भारतीय उपमहाद्वीप का प्रसिद्ध फल है. इसे खाने के अलावा, इसकी पत्तियों को भी आयुर्वेदिक उपचार में सदियों से प्रयोग किया जा रहा है.सीताफल के पत्ते बहुत ही पौष्टिक होते हैं. सीताफल के पत्तों में विटामिन A, विटामिन C, कैल्शियम, आयरन जैसे कई पोषक तत्व पाए जाते हैं जो स्वास्थ्य के लिए बहुत लाभदायक होता हैं. सीताफल के पत्तों का सेवन खाने के रूप में या चाय के रूप में किया जाता है. इससे शरीर को कई पोषक तत्व मिलते हैं और स्वास्थ्य लाभ मिलता है

डायरिया की समस्या में सीताफल के पत्ते बहुत लाभदायक हो सकते हैं.सीताफल के पत्तों में टैनिन नामक एंटी-ऑक्सीडेंट पाया जाता है जो पेट की समस्याओं में लाभदायक होता है. यह पेट को शांत करता है और डायरिया को कम करने में मदद करता है. इसमें मौजूद फाइबर पाचन तंत्र को मजबूत बनाता है और डायरिया को रोकने में मदद करता है. सीताफल के पत्तों में एंटी-बैक्टीरियल गुण होते हैं जो आंतों में संक्रमण को रोकते हैं और डायरिया की समस्या को कम करते हैं. इसके पत्तों का जूस पीने से शरीर को हाइड्रेटेड रखने में मदद मिलती है जो डायरिया में महत्वपूर्ण होता है.

सीताफल के पत्तों का उपयोग त्वचा की कई समस्याओं के लिए किया जाता है. इसमें विटामिन C और एंटीऑक्सीडेंट्स होते हैं जो स्किन को हेल्दी और ग्लोइंग बनाते हैं. ये त्वचा के लिए नरिशिंग भी काम करते हैं.इसके पत्तों में एंटी-बैक्टीरियल गुण होते हैं जो मुहांसों, दाद और अन्य समस्याओं को दूर करने में मदद करता है. इसके पत्तों का पेस्ट बनाकर लगाने से त्वचा की गंदगी साफ होती है और त्वचा मुलायम और कोमल बनती है.

कुछ अध्ययनों में पाया गया है कि सीताफल की पत्तियों में कैंसर को रोकने की क्षमता हो सकती है. सीताफल के पत्तों में पाए जाने वाले फाइटोकेमिकल्स एंटी-ऑक्सीडेंट और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुणों के कारण कैंसर कोशिकाओं के विकास को रोकते हैं. इसमें पाए जाने वाले विटामिन C और विटामिन A कैंसर कोशिकाओं को नष्ट करने में मदद करते हैं. सीताफल के पत्ते शरीर की डिटॉक्सिफाइंग क्षमता को बढ़ाते हैं जो कैंसरकारी तत्वों को शरीर से बाहर निकालने में मदद करती है.

सीताफल के पत्ते डायबिटीज यानी मधुमेह पर नियंत्रण रखने में मददगार होता है. सीताफल के पत्तों में मौजूद फाइबर रक्त शर्करा स्तर को स्थिर रखने में मदद करता है.इसमें पाए जाने वाले एंटीऑक्सीडेंट्स इन्सुलिन की संवेदनशीलता को बढ़ाते हैं जो रक्त शर्करा के स्तर को कम करने में मदद करता है.

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