नई दिल्ली : हिंदू धर्म में ज्येष्ठ माह में आने वाली पूर्णिमा का विशेष महत्व माना जाता है. ज्येष्ठ पूर्णिमा तिथि सबसे शुभ तिथियों में से एक मानी जाती है. इस तिथि पर भगवान चंद्र अपनी 16 कलाओं से परिपूर्ण होते हैं. इसके साथ ही उनकी किरणें धरती पर समृद्धि और सौभाग्य प्रदान करती हैं. इस दिन स्नान और दान-धर्म करना बहुत पुण्यदायी माना जाता है. इस दिन अगर कुछ विशेष उपाय किए जाएं तो जातक के जीवन में आ रहे तमाम संकटों का नाश होता है.
वैदिक पंचांग के अनुसार, इस तिथि की शुरुआत 21 जून 2024 को सुबह 6 बजकर 01 मिनट पर होगी. वहीं, इस तिथि का समापन 22 जून 2024 को सुबह 5 बजकर 07 मिनट पर होगा. ऐसे में ज्येष्ठ पूर्णिमा का व्रत 21 जून, शुक्रवार को किया जाएगा. साथ ही पूर्णिमा पर स्नान-दान 22 जून शनिवार के दिन किया जाएगा.
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, पीपल के पेड़ पर भगवान विष्णु संग मां लक्ष्मी वास करती हैं. इसलिए ज्येष्ठ पूर्णिमा पर यदि कोई व्यक्ति एक लोटे में पानी भर कर उसमें कच्चा दूध और पतासा डालकर पीपल के पेड़ को अर्पित करे तो इससे उस व्यक्ति का फंसा धन वापस मिल जाएगा और उसे बिजनेस में भी लाभ मिलेगा.