अयोध्या राम मंदिर: जल-थल-नभ पर सुरक्षा के होंगे कड़े इंतजाम, आरक्षियों-गोताखोरों की होगी खास प्रशिक्षण
नई दिल्ली : श्रीरामजन्म भूमि में विराजमान रामलला के प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव में आने वाले देश-विदेश के लाखों श्रद्धालुओं की सुरक्षा व्यवस्था को ध्यान में रखकर जल-थल व नभ तीनों स्तरों पर योजना को धरातल पर उतारने की तैयारी है। इसी कड़ी में सरयू नदी में नयाघाट से लेकर गुप्तारघाट के बीच तीन रेस्क्यू डेस्क निर्माण का काम शुरू किया गया है। इस योजना के दो भाग हैं। पहले भाग में फ्लोटिंग बैरियर के साथ रेस्क्यू डेस्क का निर्माण शामिल हैं जबकि दूसरे भाग में 77 आरक्षियों व गोताखोरों को प्रशिक्षित किए जाने की भी योजना है।
इस योजना में आरक्षियों व गोताखोरों का चयन जिला प्रशासन के स्तर पर कमेटी करेगी। इन सभी चयनित प्रशिक्षुओं को शासन स्तर तय की गई एजेंसी के जरिए गोवा, पुणे व पटना में स्थित प्रशिक्षण केंद्रों में भेजा जाएगा। इस दौरान प्रशिक्षुओं के आवास-भोजन का प्रबंध सम्बन्धित एजेंसी ही करेगी। सिंचाई विभाग के अधिकारी बताते हैं कि गोवा में डीप डाइविंग के प्रशिक्षण के लिए प्रशिक्षुओं को भेजा जाएगा जिसके लिए सात प्रशिक्षु चयनित होंगे। इसके अतिरिक्त दो अन्य स्थानों के लिए 20 व 50 प्रशिक्षु चयनित होंगे।
बताया गया कि स्वीकृत योजना की लागत सवा छह करोड़ है लेकिन 18 प्रतिशत जीएसटी के अलावा सेंटेंस चार्ज व कांटीजेंसी को मिलाकर 28 प्रतिशत स्वीकृत राशि में कटौती के बाद चार करोड़ में काम पूरे होने है। इसमें 1375 मीटर लंबा फ्लोटिंग बैरियर व तीन रेस्क्यू डेस्क (जेट्टी) के अलावा इंफ्रास्ट्रक्चर के रूप में एलईडी समेत एक बीडीओ वाल का भी निर्माण होना है। यह शेषावतार मंदिर के सामने शुरू हो गया है। इस तरह से स्वर्ग द्वार के आरती घाट पर रेस्क्यू डेस्क का निर्माण हो चुका है। यह डेस्क (जेट्टी) 27 गुणा 10 फिट लंबी-चौड़ा यानि 270 वर्ग फिट में बनाया गया है। पहले 15 गुणा छह फिट लंबी-चौड़ा जेट्टी बनाया जाना था लेकिन बाद में बढ़ा दिया गया।