सेहत के लिए लाभकारी है ये 3 योगसासन, हार्ट अटैक के खतरे को भी करते हैं कम

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नई दिल्ली : खराब लाइफस्टाइल, गलत खान-पान, तनाव, आलस्य, देर रात तक जागना और अगली सुबह देर तक सोने से कोलेस्ट्रॉल, शुगर और फैट बढ़ता है। एक्सपर्ट के अनुसार, शरीर में कोलेस्ट्रॉल की अधिक मात्रा से हृदय रोगों के खतरे को बढ़ाता है। विशेषज्ञों के अनुसार, एक स्वस्थ व्यक्ति के शरीर में कोलेस्ट्रॉल की मात्रा 200 mg/dL से कम होनी चाहिए। कोलेस्ट्रॉल दो प्रकार का होता है- अच्छा और बुरा कोलेस्ट्रॉल। खराब कोलेस्ट्रॉल के बढ़ने से सेहत पर बुरा असर पड़ता है।

खराब कोलेस्ट्रॉल ब्लड फ्लो यानी रक्त प्रवाह को कम कर सकता है। इसके लिए आपको अपने स्वास्थ्य पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है। अगर आप भी कोलेस्ट्रॉल (cholesterol) बढ़ने से परेशान हैं और इसे नियंत्रित करना चाहते हैं तो प्राणायाम आपकी मदद कर सकता है। ऐसे में आपका अस्पताल का खर्चा बचेगा। कुछ शोधों में भी यह बात सामने आई है कि प्राणायाम करने से बैड कोलेस्ट्रॉल कंट्रोल में रहता है। एक शोध में योग के फायदों के बारे में विस्तार से बताया गया है। इस शोध के अनुसार, खराब कोलेस्ट्रॉल (bad cholesterol), उच्च रक्तचाप, मधुमेह, मोटापा समेत कई बीमारियों से छुटकारा दिलाने के लिए योग फायदेमंद है।

इस शोध में 64 लोगों को शामिल किया गया था। इनमें से 41 पुरुष और 23 महिलाएं थीं। उन्हें प्रतिदिन प्राणायाम और हल्का योग करने की सलाह दी गई। शोध के परीक्षण से पता चला है कि प्राणायाम करने से बढ़ते कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित किया जा सकता है।
​कपालभाति

इस योग में सांस को ज्यादा देर तक रोके रखने की कोशिश की जाती है। इसके साथ ही पेट और फेफड़ों की मदद से सांस को बाहर निकाला जाता है। इससे फेफड़े शुद्ध होते हैं। इस योग को करने से पाचन और श्वसन तंत्र मजबूत होता है। स्वच्छ वातावरण में पद्मनास की मुद्रा में बैठकर अपनी गर्दन और रीढ़ की हड्डी को एक सीध में रखें। पहले लंबी सांस लें और फिर अपने फेफड़ों में हवा भरें। इसके बाद एक-एक करके तेजी से सांस छोड़ें। इस आसन को एक बार में कम से कम दस बार करें। इस योग को रोजाना सुबह और शाम दोनों समय करें। इससे कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित किया जा सकता है।

यह संस्कृत शब्द उज्जयी से बना है। अंग्रेजी में इसका मतलब जीत होता है। इस योग को करने से एकाग्रता बढ़ती है और चिंता दूर होती है। साथ ही फेफड़े (Lungs) सुचारू रूप से काम करने लगते हैं। इस योग में गहरी सांस छोड़ी जाती है। उज्जयी प्राणायाम को रोजाना करने से श्वसन तंत्र मजबूत होता है।

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