हमारे शरीर में मौजूद हर अंग का अपना अलग काम होता है. हमारे दिल, दिमाग और फेफड़ों की ही तरह किडनी भी ओवरऑल हेल्थ को मेनटेन रखने का काम करती है. किडनी का मुख्य काम खून को साफ करना और शरीर के अपशिष्ट पदार्थों को यूरिन के रास्ते शरीर के बाहर निकालना होता है.
इसके अलावा किडनी ब्लड प्रेशर को रेगुलेट करने और लाल रक्त कोशिकाओं का निर्माण करने के साथ ही शरीर का पीएच लेवल कंट्रोल करने में मदद करती है. किडनी में किसी भी तरह की कोई दिक्कत होने पर कई तरह की बीमारियों का सामना करना पड़ता है. किडनी में कोई भी समस्या होने पर हमारा शरीर कई तरह के संकेत देने लगता है. आइए जानते हैं इन संकेतों के बारे में विस्तार से.
चेहरे-पैर और आंखों में सूजन- किडनी का मुख्य काम विषाक्त और अपशिष्ट पदार्थों को शरीर से बाहर निकालना है. लेकिन जब किडनी सही तरीके से काम करना बंद कर देती है तो अपशिष्ट पदार्थ शरीर से बाहर नहीं निकल पाते, जिसके चलते शरीर के ऊतकों में पानी और नमक के साथ ही विषाक्त पदार्थों का निर्माण होना शुरू हो जाता है. शरीर में इन सभी का लेवल बढ़ने से चेहरे, पैरों और आंखों के आसपास सूजन दिखने लगती है.
बहुत ज्यादा थकान- किडनी लाल रक्त कोशिकाओं का भी निर्माण करती है, जिसकी कमी से एनीमिया हो सकता है. किडनी मस्तिष्क और मांसपेशियों तक पहुंचने वाली ऑक्सीजन और पोषक तत्वों की आपूर्ति में भी बाधा उत्पन्न कर सकती है, जिससे आप बेहद थका हुआ महसूस कर सकते हैं.
यूरिन में बदलाव- किडनी में किसी भी प्रकार की दिक्कत होने पर यूरिन में भी बदलाव देखने को मिलता है. आमतौर पर, किडनी ब्लड को फिल्टर करने में मदद करती है जिससे मूत्र का उत्पादन होता है, जिसके माध्यम से शरीर से अपशिष्ट बाहर निकल जाते हैं. लेकिन जब किडनी ठीक से काम नहीं करती, तो पेशाब करते समय कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ता है. कुछ लोगों को बार-बार पेशाब आने का अनुभव हो सकता है, जबकि अन्य को पेशाब में खून दिखने, झाग बनने आदि की समस्या का सामना करना पड़ता है.
सांस लेने में दिक्कत- किडनी हमारे शरीर में फ्लूइड को बैलेंस करने का काम करती हैं. किडनी में दिक्कत होने पर फेफड़ों में फ्लूइड जमने लगता है, जिससे सांस लेने में काफी ज्यादा परेशानी होती है. इस दौरान कुछ लोगों को छाती में दर्द का भी सामना करना पड़ता है.
ड्राई स्किन-अगर आपकी स्किन काफी ज्यादा ड्राई है और खुजली की समस्या का सामना करना पड़ रहा है तो यह भी किडनी की बीमारी का एक संकेत हो सकता है. यह ब्लड में मिनरल्स और पोषक तत्वों के असंतुलन का संकेत होता है.