हाथ-पैर के ये लक्षण देते हैं स्ट्रोक जोखिम का संकेत, इन्हें इग्नोर अनदेखा करना साबित हो सकता है जानलेवा
नई दिल्ली। स्ट्रोक को सामान्य बोल चाल की भाषा में मस्तिष्क के दौरे के तौर पर भी जाना जाता है. हमारे शरीर के ठीक से काम करने के लिए मस्तिष्क का ठीक होना जरूरी है और मस्तिष्क तभी अच्छी तरह से काम करेगा जब उसमें खून की सप्लाई ठीक तरह से होगी. स्ट्रोक की समस्या ब्रेन में ब्लड सर्कुलेशन से जुड़ी हुई है. ब्रेन स्ट्रोक एक न्यूरोलॉजिकल समस्या है. इसमें ब्रेन में ब्लड क्लाट बनने लगते हैं जिससे खून का प्रवाह बाधित हो जाता है और इसे ही सेरेब्रेल वैस्कुलर एक्सिडेंट या फिर स्ट्रोक कहा जाता है.
ब्रेन स्ट्रोक एक गंभीर समस्या है क्योंकि अगर समय पर ध्यान नहीं दिया गया तो इससे पीड़ित की जान तक जा सकती है. ब्रेन स्ट्रोक भारत में मौत का दूसरा बड़ा कारणों के तौर पर जाना जाता है. ब्रेन स्ट्रोक के समय हर एक मिनट में करीब 19 लाख न्यूरॉन्स नष्ट हो जाते हैं जिससे शरीर को बड़ा नुकसान पहुंचता है. इसलिए जरूरी है कि जब भी स्ट्रोक की समस्या हो तो तुरंत एक्सपर्ट से मिलें.
ब्रेन स्ट्रोक की ऐसी ही एक स्थिति है ट्रांसिएंट इस्केमिक अटैक. यह भविष्य में स्ट्रोक के बढ़ते जोखिम को दर्शाता है. यह तब होता है जब मस्तिष्क में ब्लड सर्कुलेशन अस्थाई रूप से बाधित हो जाता है. अमेरिकन एसोसिएशन ऑफ न्यूरोलॉजिकल सर्जन के मुताबिक, टीआईए के सामान्य लक्षण अपने आप ही 20 मिनट में खुद ही ठीक हो जाते हैं.
एक्सपर्ट की मानें तो स्ट्रोक के दो ऐसे लक्षण भी होते हैं लोगों के पैर को प्रभावित करते हैं. इसमें पैरों में ताकत कम हो जाती है और साथ ही पैर सुन्न पड़ने लगते हैं. ये दोनों ही लक्षण स्ट्रोक होने के संभावित संकेत हो सकते हैं.
स्ट्रोक के दूसरे अस्थाई लक्षण
– बोलने में दिक्कत होना
– दूसरों की बात समझने में दिक्कत होना
– एक आंख में दृष्टि बाधित होना
– हाथ पैर में ताकत कम होना
– चक्कर आना
एक्सपर्ट की मानें तो ये सभी लक्षण आमतौर पर 10 से 20 मिनट या फिर एक घंटे के अंदर ठीक हो जाते हैं. इन संकेतों के दिखने पर तुरंत एक्सपर्ट से सलाह लेनी चाहिए. कुछ ऐसी शारीरिक स्वास्थ्य स्थितियां हैं जो स्ट्रोक के जोखिम को बढ़ा सकती है.
– हाई ब्लड प्रेशर
– हाई कोलेस्ट्रॉल
– अनियमित दिल की धड़कन
– डायबिटीज
BE FAST से जानें ब्रेन स्ट्रोक के लक्षण
हेल्थ एक्सपर्ट के मुताबिक यदि कोई स्ट्रोक की समस्या से पीड़ित होता है तो उसे बी फास्ट के जरिए समझा जा सकता है.
B- Blance- स्ट्रोक आने पर व्यक्ति अपने शरीर का बैलेंस खो देता है. वह चलने में असमर्थ हो जाता है. उसके पैर लड़खड़ाने लगते हैं.
E- Eyes- स्ट्रोक से पीड़ित शख्स की आंख में धुंधलापन छाने लगता है. उसे कुछ भी चीजें साफ नजर नहीं आती.
F- Face- स्ट्रोक की समस्या में चेहरा एक तरफ मुड़ जाता है वह ठीक से मुस्कुरा भी नहीं पाता.
A- Arms- स्ट्रोक आने पर हांथ पूरी तरह से शिथल हो जाते हैं. हाथ सुन्न होने लगते हैं जिससे शख्स को हाथ ऊपर उठाने में भी दिक्कत होती है.
S- Speak- स्ट्रोक आने पर पीड़ित बोलने में असमर्थ हो जाता है. वह अपने शब्दों को ठीक से नहीं निकाल पाता.
T- Time- स्ट्रोक की कंडीशन में सबसे अहम होता है टाइम. समय बर्बाद किए बिना पीड़ित को तुरंत हेल्थ एक्सपर्ट के पास ले जाना चाहिए.