वास्तु शास्त्र में दिशाओं का महत्त्व बताया गया है। जो व्यक्ति के जीवन पर सकारात्मक और नकारात्मक प्रभाव डालती हैं। हिंदू धर्म के अनुसार वास्तु शास्त्र पांच तत्व अग्नि, जल, वायु, पृथ्वी, और आकाश पर आधारित है। इनमे से कोई भी तत्व अगर कम होता है तो उसका प्रभाव व्यक्ति पर पड़ता है, जिससे उसके जीवन में परेशानियों का दौर शुरू हो सकता है। उसके कामकाज या व्यक्तिगत जीवन में तनाव होने लगता है। आप ऐसे जान सकते हैं कि आपके घर में वास्तु दोष है या नहीं।
ऐसे पहचानें वास्तुदोष
कुछ विशेष स्थान ऐसे होते हैं, जिससे संकेत मिलने लगते हैं कि वहां वास्तु दोष है। अगर आप मेहनत करते हैं और उसके बाद भी सफल नहीं हो पा रहे हैं, कर्ज बढ़ता जा रहा है, घर का कोई न कोई सदस्य बीमार रहता है, मन में एक डर बना रहना, परिवार के सदस्यों में तनाव बने रहना, घर में चोरी होना, काम में मन लगना ऐसे संकेत होते हैं, जो बताते हैं कि घर में वास्तु दोष है।
वास्तुदोष के उपाय
घर हो या ऑफिस आप कभी अपने कार्यक्षेत्र में कभी भी खिलाड़ी या दरवाजे की तरफ पीठ करके न बैठें। वहीं इस बात का भी ध्यान रखें कि आपकी पीठ के पीछे मंदिर न हो।ऑफिस हो या घर तिजोरी की मुंह उत्तर दिशा की तरफ रखें। यह दिशा धन के देवता कुबेर की होती है।
कभी भी दक्षिण दिशा की तरफ मुंह करके भोजन न करें। इस दिशा में भोजन करने से आपकी सेहत सही नहीं रहती है। वहीं जीवन में अन्य परेशानियों का भी सामना करना पड़ता है। दक्षिण दिशा की मुख करके न खाना बनाएं और खाएं। धन को कभी भी आग्नेय कोण में नहीं रखना चाहिए। इस दिशा में धन रखने से हानि ही उठानी पड़ती है। धन रखने की सबसे शुभ दिशा उत्तर है। घर में हर दीवार पर देवी देवताओं की तस्वीरें या मूर्ति न रखें। आप ईशान कोण, उत्तर या पूर्व दिशा में घर में मंदिर बनाकर पूजा अर्चना करें।