तेजी से वजन घटाने में मददगार होंगे ये योगासान, जानें करने का तरीका

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नई दिल्ली योग न केवल शरीर को बाहरी तौर पर सुंदर-सुडौल बनाता है बल्कि ये हमारे शरीर को अंदरूनी मजबूती भी देता है. योगाभ्यास करने से व्यक्ति कई तरह की समस्याओं से निजात पा सकता है. आजकल की जीवनशैली को देखते हुए मोटापा एक बड़ी समस्या बन चुका है. बिजी शेड्यूल होने के कारण लोग फिजिकल एक्टिविटी बहुत ही कम कर पाते हैं. इस कारण शरीर का वजन बढ़ जाता है.

अपनी बढ़ती हुई चर्बी को घटाने के लिए ज्यादातर लोग बाजार में बिकने वाले केमिकल युक्त उत्पादों का इस्तेमाल करते हैं, जो आपके शरीर को नुकसान भी पहुंचा सकते हैं. ऐसे में बेहतर होगा कि आप बढ़ी हुई चर्बी घटाने के लिए नेचुरल तरीके अपनाएं. इस प्रक्रिया में कुछ समय तो जरूर लगेगा लेकिन इनके कोई साइड-इफेक्ट्स (side-effects) नहीं होते. योग के इन आसनों की मदद से आप बिना किसी साइड इफेक्ट के अपना वजन घटा सकते हैं. आइए जानते हैं इन 5 योगासन के बारे में जो वजन घटाने (Reduce weight)से लेकर बॉडी को टोन करने में मदद करते हैं.

चक्रासन : अगर आपका बढ़ता हुआ पेट आपके लिए समस्या बना हुआ है तो चक्रासन आपके लिए एक बेहतरीन योगाभ्यास है. इस आसन में इतनी क्षमता है की ये आपके पेट की चर्बी को घटाकर इसे फ्लैट कर देगा. चक्रासन योग पीठ के बल लेट कर किया जाने वाला एक महत्वपूर्ण योगाभ्यास है. चक्रासन दो शब्द मिलकर बना है, चक्र का अर्थ है पहिया और आसन से मतलब है योग मुद्रा. इस आसन की अंतिम मुद्रा में शरीर पहिए की आकृति का लगता है. इसलिए इसे चक्रासन कहा जाता है.

सबसे पहले अपने पेट के बल से लेट जाएं. अब अपने हथेलियों को अपने कंधे की सीध में ले कर आएं. इस दौरान अपने दोनों पैरों के बीच की दूरी को कम करें साथ ही पैर को सीधा और तना हुआ रखें. अब सांस भरते हुए बॉडी के अगले हिस्से को नाभि तक उठाएं. इस दौरान ध्यान रखें कि अपनी कमर के ऊपर ज्यादा स्ट्रेच न आ पाए. अपनी क्षमता अनुसार अपनी इस अवस्था को बना कर रखें. योग का अभ्यास करते समय धीरे-धीरे सांस भरें और फिर छोड़ें. शुरुआती मुद्रा में वापस आते समय एक गहरी सांस को छोड़ते हुए वापसी करें. इस तरह इस आसन का एक पूरा चक्र खत्म हुआ. इसे आप अपनी क्षमता अनुसार दोहराएं.

पादहस्तासन : पादहस्तासन के लिए आप सीधे खड़े हो जाएं. अपने कूल्हों से झुके और अपनी अंगुलियों के साथ अपने पैरों को स्पर्श करें. अपने पैरों के नीचे अपने हाथों को रखने की कोशिश करें. कुछ सेकेंड के लिए ऐसे ही रहें और फिर इन्हें छोड़ दें. नीचे की ओर झुकने पर पेट पर दबाव पड़ता है जिससे पेट की बढ़ी हुई चर्बी कम होती है और पेट टोन होता है.

इस आसन को करते समय शरीर की स्थिति अर्ध चंद्र जैसी हो जाती है इसलिए इसे अर्धचन्द्रासन कहते है. अर्ध का अर्थ होता है आधा और चंद्रासन अर्थात चंद्र के समान किया गया आसन. इस आसन को खड़े होकर किया जाता है. ये आसन सामान्य स्ट्रेचिंग और बैलेंसिंग पोज (balancing pose) है जो खासकर कमर के निचले हिस्से, पेट और सीने के लिए लाभदायक है. इस आसन को करने से मेंटल स्ट्रेस कम होता है.

अर्ध चन्द्रासन को करने के लिए सबसे पहले दोनों पैरों की एड़ी और पंजों को मिलाकर खड़े हो जाएं. दोनों हाथ कमर से सटे होने चाहिए और अपनी गर्दन सीधी रखें. फिर धीरे धीरे दोनों पैरों को एक दूसरे से करीब एक से डेढ़ फीट की दूरी पर रखें. ध्यान रहे कि इस आसन का अभ्यास करते वक्त आपका मेरुदंड सीधा रहे. इसके बाद दाएं हाथ को उपर उठाएं और कंधे के बराबर लाएं. आपकी हथेली का रुख आसमान की ओर होना चाहिए. इसे करते समय ध्यान रहे कि आपका बायां हाथ आपकी कमर पर ही रहे. अब बाईं ओर झुकें, इस दौरान आपका बायां हाथ स्वयं ही नीचे खिसकता जायेगा. याद रहे कि बाएं हाथ की हथेली बाएं पैर से अलग न हटने पाए. इसी स्थिति में 30-40 सेकंड तक रहें, फिर धीरे धीरे सामान्य स्थिति में आएं. अगर इस आसन को पहली बार कर रहे हैं तो जितना हो सके उतना ही झुकें. इस प्रक्रिया को दूसरी तरफ भी दोहराएं.

हलासन : हलासन में शरीर को हल की मुद्रा में रखा जाता है. इस आसन के लिए शरीर का लचीला होना बहुत आवश्यक होता है. फर्श पर पीठ के बल सीधे लेट जाएं और अपने दोनों हाथों को भी बिल्कुल आराम की मुद्रा में जमीन पर सीधे रखें. लंबी सांस लेते हुए पेट की मांसपेशियों (Muscles) के सहारे अपने पैरों को फर्श से ऊपर उठाएं और दोनों पैरों को 90 डिग्री के एंगल पर खड़े रखें. सामान्य रूप से लगातार सांस लेते हुए अपने कूल्हों और पीठ को हाथ की सहायता से फर्श से ऊपर उठाएं. अब अपने पैरों को सिर के ऊपर से ले जाते हुए 180 डिग्री के एंगल पर मोड़े जब तक कि आपके पैरों की अंगुलियां फर्श से नहीं छू जाती हैं. आपकी पीठ फर्श पर सीधी होनी चाहिए.

इस मुद्रा में शुरू में आपको मुश्किल जरूर होगी लेकिन थोड़े प्रयत्न के बाद आप इसे आसानी से कर सकते हैं. इस प्रक्रिया को धीरे-धीरे और आराम से करें. लेकिन साथ में ये भी ध्यान रखें कि आपको अपने गर्दन पर दबाव नहीं डालना है ना ही इससे जमीन की ओर धक्का देना है. अब सामान्य अवस्था में आ जाएं और शरीर को थोड़ी देर आराम दें. सांस लेते रहें और रिलैक्स महसूस करें.

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