नई दिल्ली। भारत में कई ऐसे मंदिर हैं, जिनके साथ कई राज हैं। ऐसा ही एक रहस्यमयी मंदिर उत्तर प्रदेश के कानपुर में स्थित बेहटा गांव में है। भगवान जगन्नाथ का यह मंदिर अपनी चमत्कारी प्रकृति के लिए प्रसिद्ध है। यह मंदिर बारिश की भविष्यवाणी करता है। कानपुर के भितरगांव प्रखंड से तीन किलोमीटर की दूरी पर स्थित यह मंदिर भगवान जगन्नाथ के मंदिरों में से एक है। इस मंदिर से लोगों की आस्था इस तरह जुड़ी हुई है कि दूर-दूर से लोग दर्शन के लिए आते रहते हैं।
यहां के स्थानीय लोगों का कहना है कि बारिश के छह-सात दिन पहले ही मंदिर की छत से पानी की बूंदें टपकने लगती हैं। इन बूंदों के आकार के आधार पर वर्षा भी होती है। मंदिर की सबसे अनोखी बात यह है कि बारिश शुरू होते ही मंदिर की छत अंदर से पूरी तरह सूख जाती है। मंदिर के बारे में कई रहस्यमयी बातें हैं। मंदिर के बारे में आज तक कोई पता नहीं लगा पाया कि यह मंदिर कितना पुराना है और इसकी छत से पानी कैसे टपकता है और कब बंद हो जाता है। कहा जाता है कि पुरातत्व विभाग के लोग और वैज्ञानिक यहां कई बार आए, लेकिन इस रहस्य का पता लगाने में नाकाम रहे।
इस मंदिर में भगवान जगन्नाथ की मूर्ति है। इसमें भगवान विष्णु के 24 अवतार देखे जा सकते हैं। इन 24 अवतारों में कलियुग में अवतार लेने वाले भगवान कल्कि की मूर्ति भी स्थापित है। मंदिर के गुम्बद पर एक घेरा बना हुआ है जिसके कारण आज तक यहां बिजली नहीं गिरी। इस मंदिर की संरचना एक बौद्ध मठ की तरह है, जिसकी दीवारें 14 फीट मोटी हैं। इससे यह अनुमान लगाया जाता है कि इस मंदिर का निर्माण सम्राट अशोक के शासनकाल में हुआ था। मंदिर के बाहर एक मोर का निशान और एक घेरा है, जिससे यह अनुमान लगाया जाता है कि इसे चक्रवर्ती सम्राट हर्षवर्धन के शासनकाल के दौरान बनाया गया होगा। .