नई दिल्ली : लाजवंती का पौधा के साथ-साथ उसकी जड़ भी रक्त अतिसार और मधुमेह मरीजों के लिए बहुत लाभदायक है. जांजगीर चांपा के आयुर्वेदिक डॉक्टर ने बताया कि लाजवंती जड़ को 10 ग्राम एक गिलास पानी में काढ़ा बनाकर चौथाई अंश शेष बचने पर उस काढ़े को सुबह-शाम पिलाने से रक्त अतिसार और मधुमेह में लाभ होता है.
वहीं आयुर्वेदिक डॉक्टर अमित कुमार ने बताया कि अगर आप ठंड में बदलते मौसम के कारण खांसी से हमेशा परेशान रहते हैं और खांसी कम होने का नाम ही नहीं ले रहा है तो लाजवंती की जड़ को गले में बांधने से खांसी में लाभ मिलता है. और धीरे धीरे खांसी बंद हो जाती है.
लाजवंती के पौधे में एंटीवायरल गुण पाए जाते हैं जो इंफेक्शन जैसी परेशानियों को दूर करने का काम करता है.लाजवंती पत्तों को पीसकर कपड़े से निचोड़कर 30 मिलीग्राम रस निकालकर पीने से अपच दूर होता है. लजवंती के पत्ते से पेट के इंफेक्शन से छुटकारा पाया जा सकता है. साथ ही ये कई सारी बीमारियों से भी राहत दिला सकता है.
वहीं उन्होंने बताया कि लाजवंती का पौधा बवासीर के लिए है रामबाण आपको बता दे की लाजवंती के पत्तों को एक चम्मच चूर्ण दूध के साथ रोजाना तीन बार पीने से बवासीर में लाभ होता है. साथ ही इसकी जड़ और पत्ते, दोनों का एक चम्मच चूर्ण दूध में मिलाकर दो बार देने से बवासीर और भगंदर में लाभ होता है.
आयुर्वेदिक ने बताया कि यदि आपके शरीर में को पर चोट लगने से सूजन हो गया है तो लाजवंती पौधे के जड़ों को अच्छे से बारीक पीसकर घिसकर लेप बना लें उसके बाद उस लेट को सूजन वाले जगह लगाने से सूजन धीरे धीरे बिखर जाता है और आराम मिलता है. वही लाजवंती के बीजों को भी पीसकर घाव पर लगाने से आराम मिलता है.