नई दिल्ली : साल 2014 से लगातार मोदी सरकार देश के नागरिकों को आर्थिक तौर पर सशक्त बनाने के लिए तमाम तरह की योजनाओं की शुरुआत की है. ऐसी ही एक योजना प्रधानमंत्री मुद्रा योजना है. दरअसल मोदी सरकार इस योजना के जरिए देश में स्वरोजगार को बढ़ावा देने की कोशिश कर रही है. इसके तहत केंद्र सरकार मिनिमम डॉक्युमेंट्स पर सस्ती ब्याज दर के साथ 10 लाख रुपये तक का लोन देती है।
प्रधानमंत्री मुद्रा योजना के तहत कोई भी व्यक्ति बैंक, गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियां (एनबीएफसी), लघु वित्तीय संस्थान (MFI) के माध्यम से 10 लाख रुपये तक का लोन ले सकता है. ये लोन तीन कैटेगरी में बांटे गए हैं. तीनों ही कैटेगरी में लोन की रकम अलग-अलग है. जैसे कि शिशु कैटेगरी में 50 हजार रुपये तक के लोन, किशोर कैटेगरी में 50 हजार रुपये से अधिक और 5 लाख रुपये से कम के लोन और वहीं तरुण कैटेगरी में 5 लाख रुपये से अधिक और 10 लाख रुपये तक के लोन दिए जाते हैं।
केंद्र सरकार युवाओं में स्वरोजगार को बढ़ावा देने के मकसद से शिशु कैटेगरी के लोन को प्राथमिकता देरी है. वहीं ब्याज दर की बात करें तो आरबीआई के दिशा-निर्देशों के मुताबिक लोन देने वाली संस्था द्वारा तय की जाती है. योजना के तहत मुद्रा कार्ड भी दिया जाता है, जो कि डेबिट कार्ड की तरह होता है. योजना के तहत आवेदन करने के लिए पासपोर्ट साइज फोटो, आईडी, एड्रेस प्रूफ जैसे डॉक्यूमेंट्स होने चाहिए. वहीं विस्तार से जानने के लिए आप https://www.mudra.org.in/offerings पर जाकर अप्लाई कर सकते हैं।
बता दें कि इस योजना का लाभ बड़ी संख्या में लोग उठा रहे हैं. सरकारी आंकड़ों के मुताबिक सितंबर 2023 तक योजना के तहत 1,91,863 करोड़ रुपये लोन के तौर पर दिए गए हैं. लोन वितरण के आंकड़ों पर ध्यान दें तो सितंबर 2023 को समाप्त चालू वित्तीय वर्ष की पहली छमाही में पिछले वर्ष की समान अवधि की तुलना में रिकॉर्ड 38 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई।