नई दिल्ली : पिस्ता एंटी ऑक्सीडेंट्स से भरपूर होता है, जो दिल और कैंसर की बीमारी से महफूज रखता है। पिस्ता आंखों से लेकर दिल तक की हिफाजत करता है। पिस्ता में फाइबर, कार्बोहाइड्रेड, एमिनो एसिड और फैट होता है, जो सिर दर्द , मुंह की दुर्गंध, दस्त और खुजली में फायदेमंद होता है। पिस्ता कमजोरी दूर करने के साथ ही यादाश्त भी तेज करता है। इसके फल का प्रयोग मेवे की तरह पौष्टिक पकवान बनाने में, तथा औषधि-कार्य में किया जाता है।
दिन भर के तनाव के कारण, या खान-पान में बदलाव के कारण थकान और सिर दर्द की परेशानी होती है। कंप्यूटर पर काम करने के कारण भी सिर में दर्द होने लगता है। पिस्ता सिर दर्द को कम करता है। पिस्ते के बीज के तेल को सिर पर लगाने सिर दर्द से राहत मिलती है।
पिस्ता फाइबर से भरपूर होता है, इसलिए ये पाचन तंत्र और आंत को दुरुस्त रखने में मदद करता है। कब्ज से बचाने में भी उसकी अहम भूमिका होती है। पिस्ता खाने से पेट में अच्छे बैक्टीरिया की संख्या बढ़ती है। उसकी वजह से सेहत ठीक रहने में मदद मिलती है।
विशेषज्ञों का मानना है कि पाबंदी से पिस्ता खाने से खून में शुगर का लेवल सामान्य रहता है।
पिस्ता में दो एंटी ऑक्सीडेंट्स ल्यूटिन और जॉक्सन्थिन के गुण पाए जाते हैं जो मोतियाबिंद और उम्र से प्रभावित होने वाली बीमारियों को रोकते हैं।
जो लोग बराबर दस्त से परेशान रहते हैं वे पिस्ता का उपयोग कर सकते हैं। पिस्ता के पेड़ की छाल का काढ़ा बना लें। इसे पीने से दस्त से निजात पाई जा सकती है।