इन बार यमुना के किनारे नहीं मना सकेंगे छठ, दिल्ली वालों को हाईकोर्ट का झटका

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नई दिल्ली: दिल्ली हाई कोर्ट ने यमुना नदी तट पर छठ पूजा करने पर लगे प्रतिबंध को चुनौती देने वाली याचिका खारिज कर दिया है. याचिका पर सुनवाई के दौरान बुधवार को जस्टिस सुब्रमण्यम प्रसाद ने टिप्पणी की कि प्रदूषण को रोकने के लिए यह प्रतिबंध लगाया गया था. कोर्ट ने कहा कि ये प्रतिबंध नदी में प्रदूषण को रोकने के उद्देश्य से किए गए सुरक्षा उपायों में शामिल हैं. कोर्ट की टिप्पणी के बाद याचिकाकर्ताओं ने अपनी याचिका वापस ले ली.

दरअसल, छठ पूजा संघर्ष समिति और पूर्वांचल जागृति मंच ने, यमुना तट पर छठ पूजा समारोह पर प्रतिबंध को लेकर दिल्ली सरकार के 9 अक्टूबर 2021 के आदेश को चुनौती दी थी. याचिकाकर्ताओं ने कोर्ट से प्रतिबंध हटाने का आग्रह किया. बता दें कि दिल्ली में कई लोग बिहार से हैं जो हर साल धूमधाम से छठ पूजा का आयोजन करते हैं. इस साल 17 से 20 तारीख तक छठ पूजा का आयोजन किया जाना है.

याचिकाकर्ता दोनों संगठनों ने यह भी तर्क दिया कि दिल्ली सरकार का आदेश दिल्ली के लोगों के मौलिक अधिकारों का उल्लंघन है. तर्क दिया गया कि करीब 30-40 लाख लोग ऐसे हैं जो प्रतिबंधों से प्रभावित हो रहे हैं. कोर्ट को यह भी बताया गया कि पड़ोसी राज्यों जैसे हरियाणा और उत्तर प्रदेश में लोग अभी भी यमुना तट पर त्योहार मना रहे हैं.

याचिका में कहा गया था कि प्रतिवादी नंबर 1 ने बिना किसी अधिकार के कोरोना काल के दौरान आदेश जारी किया था. जोकि बिना उचित कानून/नियमों का उल्लेख किए किया गया था. जो उन्हें 30-40 लाख भक्तों की पूजा पर रोक लगाने का अधिकार देता है. सुनवाई के दौरान दिल्ली सरकार की ओर से पेश वकील ने कहा कि शहर में लोगों के लिए हर वार्ड में तालाब बनाए गए हैं. वे छठ पूजा मनाने के लिए वहां जा सकते हैं.

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