नई दिल्लीः इस साल सर्दियों में कड़ाके की ठंड का असर कम रहने की संभावना है। भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने दिसंबर 2024 से फरवरी 2025 तक देश के उत्तर-पश्चिम, मध्य, पूर्व और उत्तर-पूर्वी हिस्सों में शीतलहर वाले दिनों की संख्या सामान्य से कम रहने की संभावना जताई है। मौसम विशेषज्ञों का कहना है कि इस बार देश के अधिकतर हिस्सों में सर्दियों के दौरान न्यूनतम और अधिकतम तापमान भी सामान्य से अधिक रह सकता है, जिससे ठंड का असर कम होगा।
मौसम विशेषज्ञों के अनुसार,इस साल ठंड कम रहने का मुख्य कारण ला नीना का न होना है। ला नीना प्रशांत महासागर और ऊपर के वायुमंडल के बीच की परस्पर क्रिया से उत्पन्न होता है और आमतौर पर ठंडी सर्दियों से जुड़ा होता है। इसके दौरान प्रशांत महासागर के पूर्वी हिस्से में तापमान ठंडा हो जाता है, जिससे भारत में ठंड बढ़ जाती है। लेकिन इस साल यह घटना अभी तक नहीं हुई है। हालांकि, जनवरी और फरवरी 2025 में ला नीना की स्थिति विकसित हो सकती है, जिससे नए साल में सर्दी का असर बढ़ सकता है।
दिसंबर में सामान्य से अधिक बारिश की संभावना
मौसम विभाग के विशेषज्ञों ने बताया कि दिसंबर 2024 के दौरान देश भर में बारिश सामान्य से अधिक हो सकती है। यह लॉन्ग पीरियड एवरेज (LPA) से 121 फीसदी अधिक रहने की संभावना है। खासतौर पर दक्षिणी प्रायद्वीप, पश्चिम-मध्य भारत, पूर्व-मध्य भारत और पूर्वोत्तर भारत में सामान्य से अधिक बारिश हो सकती है।
वहीं, दक्षिणी प्रायद्वीप में तमिलनाडु, पुडुचेरी, कराईकल, तटीय आंध्र प्रदेश, यनम, रायलसीमा, केरल और दक्षिण आंतरिक कर्नाटक में लंबी अवधि के औसत से 131 फीसदी अधिक बारिश होने की संभावना है। इन इलाकों में होने वाली बारिश का असर देश के औसत आंकड़ों पर दिखाई देगा, जबकि बाकी हिस्सों में बारिश सामान्य या उससे कम रह सकती है। हालांकि, नए वर्ष की शुरुआत तक ला नीना की स्थिति बनने के आसार हैं, जिससे जनवरी और फरवरी में ठंड का असर तेज हो सकता है। मौसम विभाग लगातार इस स्थिति पर नजर बनाए हुए है।