मुंबई: आज सुबह से धारावी के हजारों लोग सड़कों पर उतर आए और घंटों तक विरोध प्रदर्शन किया। यह प्रदर्शन स्थानीय जन प्रतिनिधियों और गंदगी, शौचालयों और गंदे पानी की स्थिति को लेकर उनका गुस्सा जाहिर करने के लिए था। प्रदर्शनकारियों ने “वर्षा गायकवाड़ हाय तौबा” के नारे लगाए और विकास की मांग को लेकर जोरदार विरोध किया। धरावी के निवासी अब इन समस्याओं से निजात चाहते हैं और सड़कों पर उतर कर यह संदेश दे रहे हैं कि उन्हें जल्द से जल्द विकास चाहिए। प्रदर्शनकारियों ने यह भी चेतावनी दी कि अगर सालों से जर्जर हालत में रहने वाले धाराविकर का विकास नहीं हुआ, तो उनका विरोध और तेज होगा।
सामाजिक संगठनों द्वारा आयोजित इस रैली में लगभग 5,000 लोग शामिल हुए। प्रदर्शनकारियों का कहना था कि वे किसी राजनीतिक पार्टी से नहीं जुड़े हैं, बल्कि यह उनके जीवन के लिए एक जरूरी मांग है। एक प्रदर्शनकारी ने कहा, “हम चाहते हैं कि वर्षा गायकवाड़ या उनका कोई परिवार सदस्य धारावी की झुग्गी बस्ती में एक महीने बिताए। अगर वे तब भी विकास का विरोध करें तो हम उनका स्वागत करेंगे। लेकिन अगर वे अपने आलीशान घर में रहकर धाराविकरों को गंदे हालात में जीने दें, तो हम सड़कों पर उतरकर विरोध करेंगे।”
एक महिला ने कहा, “यहां का माहौल इतना खराब है कि मैं अपने बच्चों को रात के आठ बजे के बाद बाहर नहीं भेज सकती। अगर विकास जल्दी होगा, तो हमारे बच्चे सुरक्षित रहेंगे।”एक अन्य प्रदर्शनकारी ने कहा, “विरोध करने वालों की पूरी सरकारी जांच होनी चाहिए। अगर कोई सर्वे रुकवाने की कोशिश करे, तो तुरंत पुलिस कार्रवाई की जाए और उन्हें जेल भेजा जाए।”
सामाजिक कार्यकर्ता सुजीत गुप्ता ने बताया, “आज 5,000 से ज्यादा लोग सिर्फ एक आवाज उठा रहे हैं – सर्वे जल्दी हो और विकास कार्य शुरू किया जाए। अगर फिर विरोध हुआ, तो पूरी धारावी उनके खिलाफ खड़ी होगी।”निलोफर नामक एक महिला ने कहा, “विकास का विरोध सिर्फ राजनीतिक लोग कर रहे हैं। जितना ज्यादा विरोध करेंगे, उतना बड़ा पैकेज मिलेगा। अगर विरोध करना है तो हमारे बीच आकर गंदगी में रहिए, फिर विकास का विरोध कीजिए।”
एक अन्य रहिवासी ने कहा, “यह विकास सिर्फ अदानी ही कर सकता है, क्योंकि किसी और में इतना दम नहीं है।” धारावी के लोग अब एकजुट होकर अपनी आवाज उठा रहे हैं और विकास की उम्मीद लगाए बैठे हैं।