गाजियाबाद। गाजियाबाद के साइबर क्राइम थाना ने क्रिप्टो ट्रेडिंग के नाम पर ठगी करने वाले तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया है। आरोपियों के कब्जे से तीन मोबाइल बरामद हुए हैं। तीनों आरोपियों की गिरफ्तारी से 21 राज्यों में हुई 250 घटनाओं में 5 करोड़ के साइबर फ्रॉड का खुलासा हुआ। पुलिस ने आरोपियों के पास से 8 लाख रुपये की रिकवरी भी की है। पुलिस ने बताया है कि पकड़ा गया एक आरोपी ई-रिक्शा चलाता है, दूसरा चार्जिंग स्टेशन पर काम करता है और तीसरा असिस्टेंट डायरेक्टर का कोर्स करने ओडिशा से नोएडा फिल्म सिटी आया था, और उसके बाद से इस काम में जुड़ गया।
पुलिस ने बताया कि 25 अप्रैल को संजय कटियार से क्रिप्टो ट्रेडिंग के नाम पर 1.37 करोड़ रुपये की ठगी की गई थी। इस संबंध में उन्होंने 1 मई को थाना साइबर क्राइम में मामला दर्ज कराया था। पुलिस ने बताया कि आरोपियों ने पीड़ित से फेसबुक के माध्यम से संपर्क किया और फिर व्हाट्सएप पर एक क्रिप्टोकरेंसी ट्रेडिंग वेबसाइट के बारे में बताया। इस दौरान उसे ज्यादा मुनाफा कमाने का विश्वास दिलाया गया।
पुलिस ने बताया है कि आरोपियों ने एक फर्जी फर्म बनाकर उसके नाम पर करंट बैंक अकाउंट खुलवाया, फर्जी तरीके से सिम लिया और उसी सिम से व्हाट्सअप, टेलीग्राम, आईडी बनाकर पीड़ित से संपर्क किया था। आरोपियों ने क्रिप्टो ट्रेडिंग कराकर विभिन्न बैंक खाते में कुल 1.37 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी की। वेबसाइट पर मुनाफे के रूप में एक राशि लगातार बढ़ते क्रम में दिखाई जाती थी और बढ़े हुए मुनाफे को निकालने के लिए और पैसा जमा कराया जाता था।
पुलिस पूछताछ में पता चला है कि आरोपी प्रदीप कुमार ई-रिक्शा चलाता है तथा सुमित कुमार चार्जिंग सेन्टर चलाता था व लेबर कार्ड बनाने का काम करता था। सुमित व प्रदीप ने मिलकर फर्जी खाते खुलवाए थे। सुमित ने इस फर्म के खाते को आकिफ फरहान खान उर्फ मनन निवासी ओडिशा को बेचा था। आकिफ फरहान खान उर्फ मनन ने इस खाते को आगे बादल नाम के व्यक्ति को बेचा था। उनके द्वारा खुलवाए गये इन फर्जी खातों में साइबर फ्रॉड के आए हुए पैसे के हिसाब से उन्हें कमीशन प्राप्त होता था।
पुलिस ने बताया है कि आकिफ फरहान खान उर्फ मनन ओडिशा से नोएडा में एक कंपनी में एडिशनल डायरेक्टर का एक वर्ष का कोर्स करने 2019-2020 में आया था। उसके बाद आकिफ दिल्ली आता-जाता रहता था, उसी दौरान उसकी मुलाकात भुवनेश्वर के रहने वाले बादल से हुई। बादल बैंकों के खाते साइबर अपराधियों को खरीदने बेचने का काम करता है।
पुलिस ने बताया कि इस गैंग के सदस्यों ने लखनऊ के जितेन्द्र विश्वकर्मा के साथ 1 करोड़, रिचा वर्मा के साथ 1.75 करोड़, सौरभ सिंह पटेल के साथ 20 लाख का साइबर फ्रॉड किया है। इस गैंग द्वारा फर्जी क्रिप्टो ट्रेडिंग साइबर अपराध करके 21 राज्यों में 250 घटनाओं में कुल 5 करोड़ से अधिक रुपये का साइबर फ्रॉड किया गया है।