नई दिल्ली: ब्रेस्ट कैंसर या स्तन कैंसर इन दिनों महिलाओं में होने वाला एक आम बीमारी बन चुकी है। दुनियाभर में ब्रेस्ट कैंसर के कारण हर साल लाखों महिलाओं की असमय मृत्यु होती है। इन दिनों ब्रेस्ट कैंसर की बीमारी कम उम्र की महिलाओं में भी देखने को मिलने लगी है। स्तन कैंसर से जूझ रही महिलाओं पर हुए सर्वे के अनुसार भारत में 2020 में इस बीमारी से 7,12,758 महिलाएं ग्रसित थीं, और इस आंकडे के वर्ष 2025 में 8,06,218 तक पहुंचने की संभावना है। आयुर्वेद के अनुसार स्तन कैंसर की मुख्य वजह दिनचर्या तथा लाइफस्टाइल के बदलाव को माना जाता है। अधिक मांस, अंडा, मछली शराब आदि खाने-पीने की आदत व कई नशीले पदार्थों के सेवन से महिलाओं में ब्रेस्ट कैंसर का खतरा अधिक बढ़ जाता है। इसके अतिरिक्त आयुर्वेद कहता है कि यदि महिला की निद्रा अवस्था (सोने की स्थिति) ठीक नहीं है तो भी स्तन कैंसर होने का खतरा रहता है। यदि महिलाओं के स्तन में किसी कारण से चोट लग जाती तो दुग्ध नलिकाएं अवरुद्ध हो जाती है और ऐसी स्थिति में भी स्तन कैंसर हो सकता है।
ब्रेस्ट कैंसर के लक्षण
ब्रेस्ट कैंसर होने की शुरुआत में ही महिलाओं को उनके स्तन में कुछ ऐसे संकेत मिलते लगते है जिनके आधार पर अनुमान लगाया जा सकता है कि महिला को स्तन कैंसर हो चुका है या होने की संभावना है।
ब्रेस्ट में कई बार हल्का या तेज दर्द होता है, जो कई दिनों तक बना रहता है।
स्तनों में गांठ जैसा महसूस होता है।
कुछ मामलों में स्तनों को छूने भर से दर्द होता है, जबकि सामान्य अवस्था में कोई दर्द महसूस नही होता है।
स्तन में सूजन आ सकती है और स्पर्श करने में थोड़ा टाइट लग सकता है।
स्तन की तापमान अधिक हो जाता है और छूने से गर्माहट का एहसास होता है।
शरीर में बेचैनी तथा सुस्ती के कुछ लक्षण भी दिखाई दे सकते है।
आयुर्वेद में ब्रेस्ट कैंसर का इलाज
स्तन कैंसर की समस्या से निजात पाने के लिए आयुर्वेदिक उपचार लाभकारी है। आयुर्वेद की हर्बल औषधियों के नियमित सेवन से स्तन कैंसर की खतरे को कम किया जाता है। आयुर्वेद की पंचकर्मा थेरेपी भी ब्रेस्ट कैंसर की उपचार के लिए एक कारगर विकल्प है।
आयुर्वेद सबसे अधिक जोर आहार पर देता है और यदि शुरुआती लक्षणों से पता चल जाता है तो विशेष आहार के द्वारा तथा आयुर्वेदिक औषधियों के द्वारा स्तन कैंसर का समाधान किया जा सकता है। आयुर्वेद स्तन कैंसर से पीड़ित महिलाओं को अधिक विटामिन डी युक्त भोजन करने की सलाह देता है। क्योंकि स्तन कैंसर से ग्रसित महिलाओं में यह बात सामने आई है कि जिन महिलाओं के शरीर में विटामिन डी की कमी पाई गई थी इनमें स्तन कैंसर होने की संभावना अधिक होती है।
आयुर्वेद के अनुसार ब्रेस्ट कैंसर से बचाव के लिए किन चीजों को सेवन करना चाहिए?
लहसुन और प्याज का सेवन करके ब्रेस्ट कैंसर से बचा जा सकता है।
अंगूर, किशमिश या फिर अंगूर जूस भी ब्रेस्ट कैंसर में लाभ पहुंचाता है।
पोई की पत्ती भी स्तन कैंसर को दूर कर सकती है।
ग्रीन टी भी स्तन कैंसर के खतरे को कम करती है।
अदरक तथा सोंठ को अपने खाने में शामिल करके स्तन कैंसर से बच सकते है।