सितंबर 2022 में पुलिस हिरासत में 22 साल की महसा अमीनी की मौत के बाद से ही ईरान में हिजाब विरोधी प्रदर्शन जारी है. वहीं, अब लड़कियों को स्कूल जाने से रोकने के लिए ईरान में लोग सारी हदें पार कर दी हैं. रिपोर्ट के अनुसार, इस्लामिक देश ईरान में स्कूली छात्राओं को शिक्षा प्राप्त करने से रोकने के लिए खाने में जहर दिया जा रहा है.
सरकारी मीडिया के हवाले से समाचार एजेंसी एएफपी ने बताया कि ईरान के उप मंत्री ने रविवार को कहा कि कुछ लोग होली सिटी कोम में स्कूली छात्राओं को जहर दे रहे थे, जिसका मकसद लड़कियों की पढ़ाई बंद करना था. ईरान के उप स्वास्थ्य मंत्री युनूस पनाही ने भी इसकी पुष्टि की है कि यह जहर जानबूझकर दिया गया था.
नवंबर अंत से ही ईरान की राजधानी तेहरान के दक्षिणी शहर कोम में स्कूली छात्राओं के बीच रेस्पिरेटरी पॉइजनिंग के सैकड़ों मामले सामने आए हैं, इनमें से कुछ को अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा. अंग्रेजी वेबसाइट ब्लूमबर्ग के अनुसार, ईरानी स्वास्थ्य अधिकारी ने फार्स समाचार एजेंसी को बताया कि रसायनिक यौगिकों से बने जहरों से बड़े पैमाने पर स्कूली लड़कियां बीमार हुईं हैं.
सरकारी समाचार एजेंसी IRNA ने उप स्वास्थ्य मंत्री युनूस पनाही के हवाले से कहा, ” Qom के स्कूलों में छात्रों को जहर दिए जाने के बाद यह पाया गया है कि कुछ लोग चाहते थे कि सभी स्कूलों खासकर लड़कियों के स्कूलों को बंद कर दिया जाए. हालांकि, अभी तक सरकार की ओर से ना ही इस बारें में विस्तृत रिपोर्ट जारी की गई है और ना ही इस मामले में किसी की गिरफ्तारी हुई है.
एजेंसी IRNA ने बताया कि बीमार छात्रों के माता-पिता 14 फरवरी को सरकारी अधिकारियों से स्पष्टीकरण की मांग को लेकर शहर के गवर्नर के बाहर जमा हुए थे. जिसके बाद सरकार के प्रवक्ता अली बहादेरी ने अगले दिन कहा था कि खुफिया और शिक्षा मंत्रालय लड़कियों में विषाक्तता के कारणों का पता लगाने की कोशिश कर रही हैं.