लम्पी रोग से बचाव के लिए 03 दिन के अंदर प्रतिदिन 02 लाख टीकाकरण कराये जाने की कार्यवाही सुनिश्चित की जाए
लखनऊ: उत्तर प्रदेश के पशुधन एवं दुग्ध विकास विभाग कैबिनेट मंत्री धर्मपाल सिंह ने कहा है कि लम्पी रोग से प्रभावित मण्डलों में टीकाकरण में और अधिक तेजी लाते हुए प्रतिदिन एक लाख वैक्सीनेशन को बढ़ाते हुए 03 दिन के अंदर प्रतिदिन 02 लाख टीकाकरण का कार्य कराया जाए। उन्होंने कहा कि लम्पी रोग से बचाव हेतु 50 लाख वैक्सीन की व्यवस्था की गयी है और प्रभावी एवं त्वरित चिकित्सा के लिए 70 मोबाइल वेटेरिनरी यूनिट का सदुपयोग किया जाए। असंक्रमित पशुओं को रोग मुक्त रखने हेतु युद्ध स्तर पर रणनीति बनाकर सघन टीकाकरण का कार्य करते हुए रिंग वैक्सीनेशन में प्रभावित क्षेत्र से 500 मीटर की दूरी बनाते हुये 05-किमी की परिधि में समस्त गोवंश का टीकाकरण कराया जाये।
अब तक 5,07,300 पशुओं को टीकाकरण से आच्छादित किया जा चुका है। पशुधन मंत्री ने आज यहां विधानभवन स्थित अपने कार्यालय कक्ष में प्रदेश में लम्पी रोग की रोकथाम एवं बचाव के अभियान के लिए प्रभावित मुरादाबाद, सहारनपुर, अलीगढ़, मेरठ, आगरा, बरेली तथा झांसी मण्डलों में भेजी गई टीम-09 के कार्यों की गहन समीक्षा की। पशुधन मंत्री ने टीम-09 के प्रत्येक नोडल अधिकारी से वैक्सीनेशन कार्य, गोआश्रय स्थलों, गोसरंक्षण केन्द्रों में सैनेटाइजेशन एवं स्वच्छता, सुरक्षा, औषधियों की उपलब्धता, चारा भूसा पेयजल की व्यवस्था, जनजागरूकता एवं प्रशिक्षण कार्यक्रमों की विस्तृत जानकारी प्राप्त की और कहा कि प्रदेश में लम्पी रोग को समूल समाप्त करने के लिए धरातल स्तर पर और अधिक कार्य करने की आवश्यकता है और प्रभावित जनपदों के लिए एक्शन प्लान बनाते हुए आगे की कार्यवाही क्रियान्वित की जाए।
धर्मपाल सिंह ने कहा कि पशुपालकों को पारम्परिक चिकित्सा जैसे नीम की पत्ती को जल में उबालकर उस पानी में हल्दी के साथ लेप बनाकर प्रभावित पशु के शरीर पर लगाने का परामर्श दिया जाए। कृषकों और पशुपालकों को विभिन्न माध्यमों से जागरूक किया जाए। पशुओं को मच्छर, मक्खियों आदि से दूर रखने के लिए कीटनाशक दवाओं का निरन्तर छिड़काव किया जाए। संक्रमित गोवंश को स्वस्थ पशुओं से सेग्रीगेट किया जाए और आश्रय स्थलों को सोडियम हाइपोक्लोराइड, फिनायल आदि से भी विसंक्रमित किया जाए। लम्पी स्किन रोग की चिकित्सा हेतु समस्त जनपदों में सम्बन्घित औषधियां यथा-एण्टी बायोटिक्स, एनॉलजेसिक, एण्टीइन्फ्लेमेट्री, एन्टीहिस्टामेनिक आदि प्रचुर मात्रा में उपलब्ध हैं।
बैठक में पशुधन एवं दुग्ध विकास विभाग के अपर मुख्य सचिव डा0 रजनीश दुबे ने बताया कि टीकाकरण कार्य हेतु 508-टीमें यथा-जनपद अलीगढ़ में 62, अमरोहा-24, बागपत-20, बिजनौर-25, बुलन्दशहर-34, एटा-24, मथुरा-24, मैनपुरी-20, मेरठ-31, मुरादाबाद-32, मुजफ्फरनगर-35, रामपुर-7, सहारनपुर-25, सम्भल-18, शाहजहॉपुर-10 एवं शामली में 15 टीमों को टीकाकरण का कार्य हेतु लगाया गया है। अन्तर्राज्यीय सीमा से लगे जनपदों में सीमावर्ती विकाखण्ड/ग्रामों में प्राथमिकता के आधर पर पशुओं का टीकाकरण किया जा रहा है। प्रदेश के पश्चिमी जनपदों से संक्रमण का प्रसार मध्य एवं पूर्वी उत्तर प्रदेश में न होने पाये के दृष्टिगत पीलीभीत से इटावा तक बेल्ट वैक्सीनेशन प्रारम्भ किया जा रहा है। बेल्ट वैक्सीनेशन में जनपद- पीलीभीत, शाहजहॉपुर, फर्रूखाबाद, मैनपुरी एवं इटावा के 23 विकासखण्डों का चिन्हित किया गया है, जिसमें 10 किमी0 की चौड़ी पट्टी में 316895 पशुओं को टीकाकरण से आच्छादित किया जायेगा। यह कार्य 65 टीकाकरण टीमों द्वारा एक सप्ताह में पूर्ण कर लिया जाएगा।
वर्तमान में प्रदेश के पश्चिमांचल के 23-जनपद लम्पी स्किन रोग से प्रभावित हैं। उक्त 23-जनपदों में अब तक कुल 21043 गोवंश लम्पी स्किन रोग से प्रभावित हुये हैं, जिसमें से 186 गोवंश की मृत्यु हुई है, जो कि प्रभावित पशुओं का मात्र 0.86 प्रतिशत है। जनपद एवं मुख्यालय स्तर पर स्थापित कण्ट्रोल रूम में सूचना प्राप्त होते ही चिकित्सा की त्वरित व्यवस्था की जा रही है। मुख्यालय में स्थापित कण्ट्रोल रूम के नम्बर 0522-2741992, 7880776657 एवं टोल-फ्री नम्बर 18001805141 का व्यापक प्रचार-प्रसार किया गया है। अब तक रोग से प्रभावित 21043 पशुओं में से 9028 पशु रोग मुक्त हो चुके हैं, जो प्रभावित पशुओं की संख्या का 43 प्रतिशत है। शेष पशु भी रोग-मुक्त होने की दिशा में तीव्रगति से अग्रसर हो रहे हैं।
बैठक में पशुधन विभाग के विशेष सचिव श्री देवेन्द्र पाण्डेय, दुग्ध आयुक्त श्री शशिभूषण लाल सुशील, पीसीडीएफ के प्रबंध निदेशक श्री कुणाल सिल्कू, विशेष सचिव दुग्ध विकास श्री राम सहाय यादव, पशुपालन विभाग के निदेशक, प्रशासन एवं विकास डा0 इन्द्रमणि, निदेशक रोग नियंत्रण एवं प्रक्षेत्र डा0 पी0के0 सिंह, प्रभारी मुख्य कार्यकारी अधिकारी यूपी एलडीवी डा0 अरविन्द कुमार सिंह, डा0 जयकेश सिंह तथा डा0 अग्रवाल उपस्थित थे।