नौकरीपेशा लोगों के लिए अप्रैल का महीना काफी महत्वपूर्ण होता है. क्योंकि लोगों की नजर सैलरी में होने वाली इंक्रीमेंट पर टिकी रहती है. इसके अलावा लोगों को अपने प्रपोज्ड इन्वेस्टमेंट के बारे में भी कंपनी को जानकारी देनी होती है. नए फाइनेंशियल ईयर में कंपनियां अपने कर्मचारियों को CTC में बदलाव कर सैलरी को रीस्ट्रक्चर करने का विकल्प देती हैं.
अगर आपकी कंपनी भी इस तरह के ऑप्शन दे रही है, तो आप इसे चुनकर टैक्स सेविंग (Tax Saving) कर सकते हैं. हालांकि, इस बात का खास ध्यान रखें कि ये ऑप्शन सिर्फ अप्रैल के महीने में ही मिलता है. हम आपको ऐसे आठ ऑप्शन बता रहे हैं, जिसमें बदलाव कर आप आसानी से टैक्स बचा सकते हैं. हालांकि इनमें से अधिकतर में आपको बिल सब्मिट करना होगा.
NPS में कंट्रीब्यूट कर नौकरीपेशा टैक्स की बचत कर सकते हैं. सेक्शन 80 CCD (2) के तहत NPS में रखी बेसिक सैलरी का 10 फीसदी तक पर किसी भी तरह का टैक्स नहीं लगता है. हालांकि, इसके बावजूद सिर्फ 10 फीसदी कर्मचारी ही इसका लाभ उठाते हैं. NPS में सालाना 96,000 रुपये तक के निवेश पर 29,952 रुपये की टैक्स सेविंग कर सकते हैं. हाई इनकम वाले कर्माचारियों के लिए काफी फायदेमंद ऑप्शन है. NPS रिटर्न के मामले में दूसरे रिटायरमेंट प्लान जैसे PPF और PF से बेहतर है.
नौकरीपेशा अपनी CTC में लीव ट्रैवल असिस्टेंस (LTA) के ऑप्शन को चुनकर टैक्स की सेविंग कर सकते हैं. सीटीसी के हिस्से के रूप में किसी भी नौकरीपेशा के परिवार का ट्रैवल फेयर फ्री टैक्स के योग्य है. अगर आप इसका लाभ लेना चाहते हैं, तो इसे CTC की हिस्सा बना लीजिए. ध्यान रहे कि साल की शुरुआत में ही इस ऑप्शन को ले सकते हैं. इस विकल्प को आप साल के बीच नहीं चुन सकते हैं. लीव ट्रैवल असिस्टेंस के जरिए आप सालाना 60,000 रुपये की टैक्स सेविंग कर सकते हैं.
अगर कंपनी अपने कर्मचारियों को चल संपत्ति (Movable Assets) खरीदने का ऑफर देती है, तो कर्मचारी बड़ी टैक्स सेविंग कर सकते हैं. व्यक्तिगत इस्तेमाल के लिए कर्मचारी को दिए गए गैजेट और उपकरणों पर कुल प्राइस वैल्यू का 10 फीसदी टैक्स लगता है. हालांकि, कंप्यूटर और लैपटॉप के मामले में टैक्स नहीं लगता है. कोविड के दौरान वर्क फर्म होम में इस ऑप्शन को खूब चुना गया था. इस तरह के एसेट्स से 18,720 रुपये तक का टैक्स बचा सकते हैं
अधिकतर कंपनियां सीनियर कर्मचारियों को ड्राइवर का ऑप्शन देती हैं. ड्राइवर को दी जाने वाली सैलरी के जरिए भी आप सालाना एक लाख 20 हजार रुपये का खर्च दिखाकर 37,440 रुपये टैक्स की सेविंग कर सकते हैं.
अगर आप ऑफिस टैक्सी से आते हैं, तो टोटल अमाउंट रीइंबर्स हो जाता है. अगर कोई कर्मचारी अपनी कार या कंपनी की गाड़ी का इस्तेमाल दफ्तर के कामों के लिए करता है, तो वो फ्यूल और मेंटिनेंस अमाउंट के लिए रीइंबर्समेंट ले सकता है. फ्यूल रीइंबर्समेंट के जरिए एक कर्मचारी सालाना 48,000 रुपये के खर्च पर टैक्स सेविंग कर सकता है. कुल मिलाकर 14,976 रुपये तक की टैक्स सेविंग हो सकती है.
कोरोना काल के दौरान फोन और इंटरनेट बिल रीइंबर्समेंट के ऑप्शन को भी खूब क्लेम किया गया था. इंटरनेट और फोन बिल के रीइंबर्समेंट के क्लेम के लिए आपको ओरिजनल बिल देने होंगे. इस तरह से आप आप 5,616 रुपये तक की टैक्स सेविंग कर सकते हैं.
न्यूजपेपर और मैगजीन जैसे खर्च भी टैक्स फ्री होते हैं. इस रीइंबर्समेंट के लिए भी आपको ओरिजनल बिल जमा करना पड़ेगा. न्यूजपेपर और मैगजीन के खर्च को क्लेम कर आप आप सालाना 12,000 रुपये के खर्च पर 3,744 रुपये का टैक्स बचा सकते हैं.
मील कूपन के जरिए भी आप ठीक-ठाक टैक्स की सेविंग कर सकते हैं. मील कूपन की मदद से आप एक साल में 26,400 रुपये के खर्च पर 8,237 रुपये की टैक्स छूट का लाभ उठा सकते हैं.