नई दिल्ली : हिंदू पंचांग के अनुसार, विनायक चतुर्थी का त्योहार भगवान गणेश को समर्पित होता है. अमावस्या (new moon) के बाद आने वाली शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को विनायक चतुर्थी कहते हैं और पूर्णिमा (full moon) के बाद आने वाली कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को संकष्टी चतुर्थी कहते हैं. विनायक चतुर्थी का व्रत हर महीने आता है. इस बार विनायक चतुर्थी का त्योहार 23 फरवरी 2023 यानी आज मनाया जा रहा है. विनायक चतुर्थी के दिन भगवान गणेश की पूजा -अर्चना करने और व्रत रखने से हर मनोकामना पूरी होती है. साथ ही भगवान गणेश ज्ञान और धैर्य का आशीर्वाद देते हैं. हिन्दु कैलेण्डर के अनुसार विनायक चतुर्थी के दिन गणेश पूजा दोपहर को मध्याह्न काल के दौरान की जाती है.
आइए जानते हैं भगवान गणेश की पूजा का शुभ मुहूर्त, पूजन विधि.
विनायक चतुर्थी की पूजा का समय
फाल्गुन, शुक्ल चतुर्थी
प्रारम्भ – फरवरी 23, सुबह 03 बजकर 24 मिनट से शुरू
समाप्त – फरवरी 24, सुबह 01 बजकर 33 मिनट पर खत्म
विनायक चतुर्थी के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और सूर्य देवता को अर्घ्य अर्पित करें. इसके बाद भगवान गणेश की पूजा प्रारंभ करें. इस दिन की पूजा में जटा वाला नारियल और भोग में मोदक अवश्य शामिल करें. इसके अलावा पूजा में भगवान गणेश को गुलाब के फूल और दूर्वा अर्पित करें. धूप, दीप, नैवेद्य अर्पित करने के बाद ‘ऊं गं गणपतये नमः’ मंत्र का उच्चारण पूर्वक जप करें. भगवान गणेश की कथा पढ़ें, आरती करें, पूजा में शामिल सभी लोगों को प्रसाद अवश्य वितरित करें.
शास्त्रों में वर्णित है कि जो लोग नियमित रूप से विघ्नहर्ता भगवान श्रीगणेश की पूजा-अर्चना करते हैं, उनके जीवन के सभी कष्ट समाप्त होते जाते हैं.वहीं विनायक चतुर्थी पर सिद्धि विनायक रूप की पूजा करने से संतान संबंधी हर समस्या का समाधान हो जाता है. वंश वृद्धि के लिए ये व्रत बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है.
विनायक चतुर्थी के मौके पर आज कई शुभ योग भी बन रहे हैं. सर्वार्थ सिद्धि योग पूरे दिन रहेगा. विजय मुहूर्त दोपहर 2 बजकर 28 मिनट से लेकर 3 बजकर 14 मिनट तक रहेगा. रवि योग सुबह 06 बजकर 52 मिनट से शुरू हो चुका है और 24 फरवरी 2023 को सुबह 3 बजकर 44 मिनट तक रहेगा.