आज राजीव गांधी की 79वीं जयंती, ‘सद्भावना दिवस’ पर खरगे, राहुल समेत कई कांग्रेस नेताओं ने दी श्रद्धांजलि
नई दिल्ली: कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी और कई अन्य वरिष्ठ नेताओं ने आज मंगलवार को पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की जयंती पर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की तथा उनके योगदान को याद किया। इस अवसर पर राहुल और कई अन्य कांग्रेस नेताओं ने ‘वीर भूमि’ जाकर पूर्व प्रधानमंत्री की समाधि पर श्रद्धा-सुमन अर्पित किए।
आज कांग्रेस अध्यक्ष खरगे ने ‘X’पर पोस्ट किया, “आज देश सद्भावना दिवस मना रहा है। पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी भारत के महान सपूत थे। उन्होंने करोड़ों भारतीय नागरिकों में आशा की किरण जगाई और अपने अभूतपूर्व योगदान से भारत को 21वीं सदी में पहुंचा दिया।”
कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा, “मतदान की आयु घटाकर 18 वर्ष करना, पंचायती राज को मजबूत करना, दूरसंचार और आईटी क्रांति, कंप्यूटरीकरण कार्यक्रम, निरंतर शांति समझौते, महिला सशक्तिकरण, सार्वभौमिक टीकाकरण कार्यक्रम और समावेशी शिक्षा पर जोर देने वाली नयी शिक्षा नीति जैसे उनके कई सुखद कदम देश में परिवर्तनकारी बदलाव लेकर आए। हम भारत रत्न, राजीव गांधी जी को उनकी जयंती पर भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं।”
कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने ‘X’पर लिखा, “राजीव गांधी की 80वीं जयंती है। उनका राजनीतिक जीवन छोटा, लेकिन बेहद महत्वपूर्ण था। मार्च 1985 के बजट में उन्होंने बेहद महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी, जिसने आर्थिक नीति के प्रति एक नया दृष्टिकोण दिया।” शहादत को प्राप्त होने से कुछ सप्ताह पहले तक राजीव गांधी ने 1991 के लोकसभा चुनाव के लिए कांग्रेस पार्टी के घोषणापत्र को तैयार करने में कई घंटे बिताए थे, जिसने जून-जुलाई 1991 में नरसिम्हा राव और मनमोहन सिंह द्वारा लाए गए ऐतिहासिक सुधारों की नींव रखी।”
उन्होंने कहा कि, “असम, पंजाब, मिजोरम और त्रिपुरा जैसे देश के अशांत क्षेत्रों में शांति समझौते राजीव गांधी की उस शासन कला के बदौलत संभव हो पाए, जिन्होंने राष्ट्रीय हित को अपनी पार्टी के तात्कालिक हितों से ऊपर रखा। उनके पास विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी की सामाजिक उपयोगिता के लिए एक दृष्टिकोण था, जो पेयजल आपूर्ति, टीकाकरण, साक्षरता, तिलहन उत्पादन और दूरसंचार एवं डेयरी विकास में प्रभावशाली प्रौद्योगिकी मिशन में परिलक्षित हुआ।”
उन्होंने कहा, “1985 में 1,65,000 ऐसे गांवों की पहचान हुई थी, जहां पीने योग्य पानी के किसी भी स्रोत तक आसान पहुंच नहीं थी। 1989 तक इनमें से 1,62,000 गांवों को पीने के पानी का कम से कम एक सुरक्षित स्रोत प्रदान किया गया। पोलियो टीका बनाने की सुविधाएं स्थापित की गईं।भारत को सॉफ्टवेयर निर्यात में महाशक्ति बनाने की दिशा में पहला प्रत्यक्ष कदम राजीव गांधी के कार्यकाल के दौरान उठाया गया था। सी-डीएसी जैसी संस्थाएं जिनपर आज हमें गर्व है, 1980 के दशक के अंत में स्थापित की गई थीं। राष्ट्रीय आवास बैंक और भारतीय लघु उद्योग विकास बैंक जैसी वित्तीय संस्थाएं भी उसी दौर में अस्तित्व में आई थीं।”
उन्होंने कहा, “प्रगतिशील मूल्यों पर आधारित 1986 की नयी शिक्षा नीति पर राजीव गांधी की व्यक्तिगत छाप थी। आज के नवोदय विद्यालय इसी पहल के तहत सामने आए। मतदान की आयु घटाकर 18 वर्ष कर दी गई और स्वामी विवेकानंद के जन्मदिन को राष्ट्रीय युवा दिवस घोषित किया गया।”
रमेश के अनुसार, “हमारे संविधान का अनुच्छेद 243 निर्वाचित पंचायतों और नगर पालिकाओं को सशक्त बनाने की उनकी दृढ़ प्रतिबद्धता को श्रद्धांजलि है। आज स्वशासन की इन संस्थाओं में 30 लाख से अधिक निर्वाचित प्रतिनिधि हैं, जिनमें से 40 प्रतिशत से अधिक महिलाएं हैं।” आज हम न सिर्फ एक प्रधानमंत्री को, बल्कि एक बहुत ही नेकदिल और सबकी परवाह करने वाले इंसान को भी याद करते हैं, जिसमें द्वेष नहीं था, प्रतिशोध और बदले की कोई भावना नहीं थी, कोई आडंबर नहीं था, और खुद के महिमा मंडन एवं आत्मप्रशंसा की चाह नहीं थी।”
जानकारी दें कि राजीव गांधी का जन्म 20 अगस्त 1944 को हुआ था। उन्होंने प्रधानमंत्री के तौर पर 1984 से 1989 तक भारत का नेतृत्व किया। वर्ष 1991 में लोकसभा चुनाव प्रचार के दौरान उग्रवादियों ने उनकी हत्या कर दी थी। वहीं दिवंगत पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी के सम्मान में भारत हर साल 20 अगस्त को सद्भावना दिवस मनाता है। राजीव गांधी की मृत्यु के एक साल बाद 1992 में कांग्रेस ने ही राजीव गांधी सद्भावना पुरस्कार की स्थापना भी की थी।