कल 12 दिसंबर को भौमवती अमावस्या, आजमाएं काले तिल के ये 5 उपाय, चमक उठेगा भाग्य, बुरी नजर से मिलेगा छुटकारा

0 74

नई दिल्ली : मार्गशीष मास के कृष्ण पक्ष की अमावस्या इस साल 12 दिसंबर को मनाई जाएगी। जिस तरह सोमवार को पड़ने वाली अमावस्या को सौमवती अमावस्या कहते हैं, उसी तरह मंगलवार को पड़ने वाली अमावस्या को भौमवती अमावस्या कहते हैं। अमावस्या तिथि मंगलवार 12 दिसंबर को सुबह 6.24 बजे शुरू हो जाएगी। इसलिए 12 दिसंबर को ही अमावस्या तिथि मनाई जाएगी। इस दिन पितृों के लिए दानपुण्य किया जाता है। ऐसा कहा जाता है कि अमावस्या पर पितरों का तर्पण करने से पितृ खुश होते हैं और सुख-समृद्धि का आशीर्वाद देते हैं।

इस दिन हनुमान जी की भी पूजा अर्चना करनी चाहिए। इस दिन पितरों का तर्पण और स्नान करना बहुत शुभ होता है। 12 दिसंबर को अमावस्या के स्नान का मुहूर्त सुबह 05.14 मिनट से सुबह 06.09 तक है। इसके अलावा तर्पण का समय सुबह 11.54 से दोपहर 12.35 तक है।

अमावस्या पर स्नान करके सबुह भोजन बनाना चाहिए। पांच जगह भोजन निकालना चाहिए। इसके लिए खीर और पूरी का भोग लगाया जाता है। इसके पांच हिस्से करें। एक हिस्सा कौवे, एक हिस्सा गाय, एक हिस्सा कुत्ते, एक हिस्सा चींटियों और देवों को दिया जाना चाहिए। इससे पितर प्रसन्न होते हैं। तर्पण देने के लिए गाय के गोबर से बने उपले से अग्यारी करके भोग लगाना चाहिए। स्नान के बाद पितरों को जल तर्पण करना चाहिए। अपने हाथों में पवित्र कुश रखना चाहिए। फिर उन्हें काले तिल और जल से पितरों को तर्पण करना चाहिए। प्रचलित मान्यता के अनुसार इससे पितर प्रसन्न होंगे।

मार्गशीर्ष मास के कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि को भौमवती अमावस्या के नाम से जाना जाता है। 12 दिसंबर को वर्ष 2023 की अंतिम अमावस्या तिथि पड़ रही है। भौमवती अमावस्या के दिन स्नान, दान श्राद्ध और और पितरों के तर्पण का खास महत्व होता है। मान्यताएं हैं इस दिन पूजा और उपासना करने से कई गुना अधिक फल मिलता है। मार्गशीर्ष अमावस्या के दिन भगवान विष्णु, शनि देव और मंगल देव की पूजा-आराधना की जाती है। भौमवती अमावस्या के दिन काले तिल से जुड़े कुछ उपाय को करने से जीवन के कष्ट दूर होते हैं।

इस दिन एक लोटे में जल और काले तिल को मिलाएं। इस जल का छिड़काव पूरे घर में करें। ऐसा करने से आसपास की नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है। घर-परिवार में सुख और शांति का माहौल बना रहता है।

मार्गशीर्ष अमावस्या के दिन शमी पौधे के सामने तेल/घी में तेज पत्ता और काला तिल मिलाकर आटे का दीपक जलाएं। ऐसा करने से कर्मफल दाता शनि प्रसन्न होते हैं। जीवन में सफलता के योग बनते हैं ‌

भगवान विष्णु को ऐसे करें प्रसन्न
इस दिन भगवान विष्णु को काला तिल अर्पित करें। ऐसा करने से भगवान विष्णु प्रसन्न होते हैं। इस दौरान “ॐ भगवते वासुदेवाय नमः” मंत्र का जाप करें।

हिंदू धर्म में पीपल के पेड़ का खास महत्व होता है। कहते हैं इसमें देवी-देवताओं का वास होता है। भौमवती अमावस्या के दिन दूध में काला तिल मिलाकर पीपल के पेड़ के नीचे चढ़ाएं। ऐसा करने से बुरी शक्तियों से छुटकारा मिलता है । घर में खुशहाली आती है।

कुत्ते को खिलाएं काला तिल
इस दिन काले कुत्ते को काला तिल खिलाना बहुत ही शुभ माना जाता है। ऐसा करने से राहु दोष से मुक्ति मिलती है। करियर और कारोबार में लाभ की योग बनते हैं। वैवाहिक जीवन सुखमय होता है।

भौमवती अमावस्या 2023 शुभ मुहूर्त: हिंदू पंचांग के अनुसार, मार्गशीर्ष मास की अमावस्या 12 दिसंबर को सुबह 06 बजकर 24 मिनट पर प्रारंभ होगी और 13 दिसंबर को सुबह 05 बजकर 01 मिनट पर समाप्त होगी।

नोट: अगर आपको यह खबर पसंद आई तो इसे शेयर करना न भूलें, देश-विदेश से जुड़ी ताजा अपडेट पाने के लिए कृपया Vnation के Facebook पेज को LikeTwitter पर Follow करना न भूलें...
Leave A Reply

Your email address will not be published.