तिरुवनन्तपुरम. केरल (Kerala) से भाजपा (BJP) के पहले सांसद सुरेश गोपी (suresh gopi) , जिन्होंने रविवार को केंद्रीय राज्य मंत्री (Union Minister of State) के रूप में शपथ ली थी, उनके मंत्री पद छोड़ने की संभावना है. शपथ ग्रहण समारोह के बाद दिल्ली में एक क्षेत्रीय चैनल (Regional Channels) से बात करते हुए, उन्होंने कहा कि उन्होंने मंत्री पद नहीं मांगा है और उन्हें उम्मीद है कि उन्हें जल्द ही पद से मुक्त कर दिया जाएगा.
दरअसल अपने मंत्री पद छोड़ने की वजह बताते हुए उन्होंने कहा कि मैंने फिल्में साइन की हैं और उन्हें उन्हें करना है. सुरेश गोपी ने कहा, ‘मैं त्रिशूर के सांसद के रूप में काम करूंगा.’ सुरेश गोपी ने त्रिशूर संसदीय क्षेत्र से जीत हासिल की और केरल से भाजपा के पहले सांसद के रूप में इतिहास में अपना नाम दर्ज करा दिया. सुरेश ने भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीआई) उम्मीदवार वी एस सुनीलकुमार को 74686 वोटों से हराया.
सुरेश गोपी ने कहा, ‘मेरा मकसद सांसद के रूप में काम करना है. मैंने कुछ नहीं मांगा, मैंने कहा था कि मुझे इस पद की जरूरत नहीं है. मुझे लगता है कि मैं जल्द ही पद से मुक्त हो जाऊंगा. त्रिशूर के मतदाताओं से कोई दिक्कत नहीं नहीं है. वे यह जानते हैं और एक सांसद के रूप में मैं उनके लिए वास्तव में अच्छा कार्य करूंगा. मुझे किसी भी कीमत पर अपनी फिल्में करनी हैं.’सुरेश गोपी जिस त्रिशूर सीट से जीते हैं, पिछले चुनाव में वह कांग्रेस के खाते में चली गई थी. सुरेश गोपी लोकसभा सांसद चुने जाने से पहले राज्यसभा सांसद भी रहे हैं. उन्हें 2016 में राज्यसभा के लिए मनोनीत किया गया था. राज्यसभा में उनका कार्यकाल 2022 तक रहा था.
सुरेश गोपी मूल रूप से केरल के अलप्पुझा के रहने वाले हैं. उनका जन्म 1958 में हुआ है. उन्होंने कोल्लम से साइंस सब्जेक्ट में डिग्री ली और अंग्रेजी से मास्टर किया. सुरेश का ताल्लुक फिल्मों से भी है. उन्होंने एक बाल कलाकार के रूप में फिल्मों में काम करना शुरू किया और फिर आगे कई फिल्मों में काम किया. सुरेश गोपी ने कई फिल्मों में मुख्य भूमिका भी निभाई है. 1998 में आई फिल्म कलियाट्टम के लिए उन्हें बेस्ट एक्टर का राष्ट्रीय पुरस्कार मिल चुका है. इसके अलावा वह लंबे समय तक टीवी शो भी होस्ट करते रहे हैं.