नागपुर: ट्रैफिक पुलिस यातायात नियमों का उल्लंघन करने वाले वाहन चालकों की फोटो उनके मोबाइल फोन से लेती है। इस फोटो के जरिए ऑनलाइन चालान किए जाते हैं। हालांकि सूचना के अधिकार (आरटीआई) में एक चौंकाने वाली जानकारी सामने आई है कि ट्रैफिक पुलिस को वाहन चालकों की तस्वीरें लेने का कोई अधिकार नहीं है। अब तक ट्रैफिक पुलिस द्वारा काटे गए हजारों ऑनलाइन चालान पर सवाल उठाए जा रहे हैं।
शहर में यातायात नियमों का उल्लंघन करने वाले वाहन चालकों का ट्रैफिक पुलिस ‘पीओएस डिवाइस’ के जरिए ऑनलाइन फोटो खींचकर चालान कर रही है। पिछले 2 वर्षों में ऑनलाइन चालान की राशि में वृद्धि हुई है। हालांकि पिछले कुछ महीनों से ट्रैफिक पुलिस ने पीओएस मशीनों के अभाव में अपने मोबाइल फोन से फोटो खींचकर ही ऑनलाइन चालान काटना शुरू कर दिया था, इसलिए नागपुरवासी हर साल लगभग 4 करोड़ रुपए का ऑनलाइन चालान भर रहे हैं।
सामाजिक कार्यकर्ता तिलक खंगार ने सूचना के अधिकार के तहत नागपुर पुलिस विभाग से पूछा कि क्या ट्रैफिक नियमों का उल्लंघन करने वाले व्यक्ति की ट्रैफिक पुलिस के मोबाइल फोन से फोटो लेने की वरिष्ठ पुलिस अधिकारी के कार्यालय द्वारा मंजूरी दी जाती है। इस पर लकड़गंज ट्रैफिक सर्कल के पुलिस इंस्पेक्टर संतोष वैरागड़े ने जवाब दिया है कि मोबाइल फोन से फोटो लेने के लिए उच्च कार्यालय से कोई मंजूरी नहीं है।
पीओएस मशीन, भुगतान करना होगा
चौराहे पर ड्यूटी पर तैनात ट्रैफिक पुलिस द्वारा ऑनलाइन चालान करने के लिए पीओएस मशीन लेने के लिए पुलिस इंस्पेक्टर के ड्यूटी राइटर को 700 रुपए देने होंगे। ऑनलाइन चालान के लिए पीओएस मशीन उपलब्ध होती है, जब पुलिस इंस्पेक्टर वैरागड़े से इस बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि पीओएस मशीन के लिए पैसे लेने की अफवाह थी।
वरिष्ठ कार्यालय मंजूरी नहीं देता
लकड़गंज यातायात शाखा के वरिष्ठ पुलिस निरीक्षक संतोष वैरागडे ने कहा कि मोबाइल फोन से वाहन चालक की फोटो खींचकर ऑनलाइन चालान काटने को वरिष्ठ कार्यालय मंजूरी नहीं देता है। हालांकि अगर पीओएस मशीन खराब हो जाए या कनेक्ट करने में दिक्कत हो तो मोबाइल फोन से फोटो खींचकर ऑनलाइन चालान भी कर सकते हैं।