चंबा। हिमाचल के चंबा जिले में रविवार सुबह भूस्खलन की घटना के बाद एक पुल गिरने के बाद चंबा-भरमौर राष्ट्रीय राजमार्ग पर यातायात ठप हो गया। स्टेट इमरजेंसी ऑपरेशन सेंटर के अधिकारियों के मुताबिक, यह घटना चंबा जिले के बाहरी इलाके भरमौर गांव के लूना इलाके में हुई। चंबा जिला आपातकालीन संचालन केंद्र (डीईओसी) के अधिकारियों ने एक बयान में कहा, “जिला चंबा के लूना भरमौर में भूस्खलन की घटना हुई।
हादसा पुल पूरी तरह से ढह गया है और एनएच-154 ए चंबा से भरमौर तक पूरी तरह से टूट गया है। डीईओसी अधिकारियों ने कहा कि किसी के हताहत होने की सूचना नहीं है। चंबा के उपायुक्त डी सी राणा के अनुसार, यह राष्ट्रीय राजमार्ग 154-ए पर 20 मीटर लंबा पुल था जो भरमौर सब डिवीजन आदिवासी क्षेत्र को चंबा से जोड़ता है। राणा ने कहा कि घटना के बाद पूरे इलाके से सड़क संपर्क टूट गया है। मामले में विस्तृत जानकारी की प्रतीक्षा है।
इससे पहले शुक्रवार शाम हिमाचल प्रदेश के चंबा जिले में चोली पुल गिरने से दो वाहन क्षतिग्रस्त हो गए। डीईओसी के अधिकारियों ने कहा था कि होली जिला चंबा के पास चोली ब्रिज पर शाम करीब साढ़े सात बजे पुल गिरने की घटना हुई। इस घटना में पुल पूरी तरह से ढह गया और इसकी वजह से दो वाहन – एक कार और एक टिप्पर ट्रक नीचे गिर गए। चंबा-होली मार्ग पर चोली में बैली ब्रिज इसकी क्षमता से अधिक भारी वाहन गुजारने से टूटा है। ब्रिज की भार क्षमता करीब 20 टन की बताई जा रही है लेकिन इस पर करीब 35 टन तक भार क्षमता के वाहन गुजर रहे थे।
प्रशासन ने कुठेड हाइड्रो प्रोजेक्ट के निर्माण में जुटी कंपनी को बैली ब्रिज टूटने के लिए जिम्मेदार ठहराया है। क्योंकि इस कंपनी के भारी भरकम वाहन इस पुल से गुजरते थे। अब कंपनी को ही पुल बनाने को कहा है। इसके लिए कंपनी को 15 दिन का समय दिया है। उधर लोक निर्माण विभाग ने कुठेड़ हाइड्रो प्रोजेक्ट के निर्माण में जुटी कंपनी के खिलाफ एफआइआर करवाने का निर्णय लिया है।
अब पुल टूटने के मामले की न्यायिक जांच होगी। इस संबंध में जिला प्रशासन की ओर से एसडीएम भरमौर को जांच के आदेश दिए गए हैं। एसडीएम को एक सप्ताह के भीतर बैली ब्रिज के गिरने के कारणों संबंधी जांच कर रिपोर्ट जिला प्रशासन को सौंपनी होगी।