देशद्रोहियों की अब खैर नहीं..नए कानून में हुए कई बदलाव, जानें क्या कुछ बदला

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नई दिल्ली: नए कानून के लागू होने से पहले कानून एवं न्याय राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) अर्जुन राम मेघवाल ने कहा कि मोदी सरकार द्वारा गुलामी की मानसिकता वाले पुराने कानूनों को हटाकर, भारतीयता के भाव को प्रदर्शित करने वाले तीन नए कानून ‘भारतीय न्याय संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता और भारतीय साध्य अधिनियम’ को लागू किया जा रहा है। जिनके मूल में सजा देने की बजाय न्याय की दृढ़ भावना है।

देश में बढ़ते अपराध और उसके प्रकार को देखते हुए काफी बदलाव किए गए हैं। दुष्कर्म के मामले में जल्दी जांच प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। नए कानून के मुताबिक 7 दिनों के अंदर पीड़िता की मेडिकल रिपोर्ट थाने और अदालत में देना होगा। पहले के कानून में इसके लिए कोई सीमा नहीं रखी गई थी। नए कानून में आतंकवाद के बारे में विस्तार से बताया गया है। इसमें बताया गया है कि किन कृत्यों को आतंकवाद माना जाएगा।

वहीं अब राजद्रोह की जगह पर देशद्रोह को अपराध बताया गया है। पहली बार मॉब लिंचिंग के मामले में मृत्यु की सजा तक का प्रावधान जोड़े गए हैं। कानून में टेक्नॉलीजी के इस्तेमाल पर जोड़ दिया गया है। जिसके मुताबिक FIR, चार्जशीट और केस से जुड़े सभी कागजातों का डिजिटलाइजेशन किया जाएगा। नए कानून में किसी भी अपराध के गवाहों के लिए ऑडियो वीडियो का विकल्प भी रखा गया है।

इसके अलावा देश का पैसा लेकर भागने वाले भगौड़े अपराधियों पर सरकार सख्त कार्रवाई करेगी। साथ ही उसके सभी धन को सरकार द्वारा जब्त कर लिया जाएगा। वहीं छोटे अपराधों का फैसला जल्दी से जल्दी किया जाएगा।

कानून में क्या जुड़ा और क्या हटा
देश में नए कानून के मुताबिक अब पुलिस हिरासत की अवधि अपराध की प्रकार पर निर्भर करेगा। नए कानून में हिरासत में रखने का समय 15 दिन से बढ़ाकर 90 दिनों तक कर दी गई है। वहीं IPCमें 511 धाराओं के नहीं बल्कि भारतीय न्याय संहिता में 358 धाराएं होंगी।

इस कानून में कुल 20 नए अपराधों को भी जोड़ा गया है। इसके अलावा 33 प्रकार के अपराधों के लिए कारावास की सजा और 83 अपराधों में जुर्माना राशि बढ़ा दी गई है। साथ ही 23 ऐसे भी अपराधों को शामिल किए गए है जिसमें अनिवार्य रूप से न्यूनतम सजा दी जाएगी।

नए कानून में 6 अपराधों के लिए सामुदायिक सेवा का दंड भी रखा गया है। इतने सारे नियमों को जोड़ने के साथ 19 धाराओं को निरस्त भी कर दिया गया है। नए कानून में कुल 484 धाराएं होगी। कुल 177 प्रावधानों में बदलाव और 9 धाराओं को जोड़ा गया है। इसके अलावा 39 तरह के नए अपराधों को भी जोड़ा गया है। इसके अलावा मसौदा अधिनियम में 44 नए प्रावधान और स्पष्टीकरण जोड़े गए हैं।

नए कानून में 35 धाराओं में समय सीमाएँ और 35 स्थानों पर ऑडियो-वीडियो प्रावधान जोड़ा गया है। वहीं 14 धारााओं को रद्द भी किय गया है। भारतीय साक्ष्य अधिनियम में 167 प्रावधानों के बजाय 170 प्रावधान रखे गए हैं। कुल 24 प्रावधानों में बदलाव किए गए हैं। साथ ही दो नए प्रावधान और 6 उप-प्रावधान जोड़े गए हैं और 6 प्रावधानों को विधेयक से निरस्त कर दिया गया है।

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