नई दिल्ली: कभी स्वतंत्रता दिवस के आसपास कर्फ्यू की गवाह बनने वाली कश्मीर घाटी में मंगलवार को शान से तिरंगा लहराया। कहा जा रहा है कि 1989 में आतंकवाद के बढ़ने के बाद यह पहला मौका है, जब बगैर किसी रोक टोक, सुरक्षा पाबंदी, शटडाउन या इंटरनेट बैन जैसी उपायों के बगैर श्रीनगर में आजादी का जश्न मनाया गया।
कैसी थी तैयारियां
जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने सरकारी अधिकारियों का कार्यक्रम में शामिल होना अनिवार्य कर दिया था। ऐसा नहीं होने पर कार्रवाई की बात भी कही गई थी। खबर है कि अनुच्छेद 370 हटने के बाद पहली बार बख्शी स्टेडियम में स्वतंत्रता दिवस समारोह का आयोजन किया गया। हालांकि, स्टेडियम के आसपास काफी सुरक्षा तैनात थी। साथ ही संवेदनशील इलाकों में चेकपॉइंट और बैरिकेड्स लगाए गए थे।
कोई रोकटोक नहीं
पहली बार जम्मू-कश्मीर में 15 अगस्त पर लोगों की आवाजाही में कोई सुरक्षा रोकटोक नहीं होगी। एक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, कश्मीर के डिविजनल कमिश्नर वीके विधुड़ी ने बताया है 15 अगस्त पर आवाजाही पर कोई रोकटोक नहीं होगी।
पहले हालात ऐसे थे कि 15 अगस्त से जुड़े कार्यक्रम पूरे होने तक घाटी के कुछ हिस्सों में कर्फ्यू लगा दिया जाता था। साथ ही मोबाइल और इंटरनेट बंद कर दिए थे। दरअसल, कहा जा रहा है कि 15 अगस्त और 26 जनवरी को शटडाउन का ऐलान करन वाली हुर्रियत कॉन्फ्रेंस अब कमजोर पड़ती नजर आ रही है।
निकाली गईं रैलियां
स्वतंत्रता दिवस के मौके पर कश्मीर में कई तिरंगा रैलियां निकाली गईं। बड़ी संख्या में लोग इन रैलियों में शामिल हुए। रविवार को दल झील के किनारे उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने भी रैली निकाली थी।