अगरतला: त्रिपुरा में लेफ्ट फ्रंट ने अपने उम्मीदवारों की घोषणा कर दी है। अगले महीने होने वाले विधानसभा चुनाव के बारे में लंबी चर्चा के बाद लेफ्ट फ्रंट ने अपने उम्मीदवारों की सूची जारी कर दी है। इसमें 24 नए चेहरों को जगह दी गई है। इस सूची में पूर्व मुख्यमंत्री और मौजूदा विधायक माणिक सरकार का भी नाम शामिल नहीं है। माणिक सरकार दो दशक तक त्रिपुरा के मुख्यमंत्री रह चुके हैं। 1998 से 2018 तक वह मुख्यमंत्री थे। इसके अलावा 2018 के चुनाव में वह धानपुर से जीते सदन में नेता प्रतिपक्ष बने।
माणिक सरकार के साथ ही बादल चौधरी, पूर्व मंत्री भानुलाल साहा, शाहिद चौधरी, तपन चक्रवर्ती को भी सूची में जगह नहीं मिली है। सीपीएम के स्टेट सेक्रटरी जितेंद्र चौधरी ने कहा, उन लोगों ने इस बार अपनी इच्छा से ही चुनाव ना लड़ने का निर्णय लिया है। कुछ नेताओं का स्वास्थ्य भी ठीक नहीं है। इसके अलावा माणिक सरकार ने पार्ली के संगठन के लिए ज्यादा समय देने का फैसला किया है।
राज्य में कुल 60 विधानसभा सीटें हैं जिनमें से 43 पर सीपीएम चुनाव लड़ेगी और 13 सीटें कांग्रेस के लिए छोड़ी गई हैं। माणिक डे, पाबित्र कार, नरेश जमातिया, जितेंद्र चौधरी, श्यामलाल चक्रवर्ती, निर्मल विश्वास, रतन भौमिक, सुदन दास, प्रभात चौधरी, इस्लामुद्दीन, बिजिता नाथ का नाम लि्ट में शामिल किया गया है। इस सूची में पूर्व मंत्री बिजिता नाथ और एक नया चेहरा वृंदा देववर्मा दो ही महिलाएं हैं। पिछले चुनवा में पार्टी की तरफ से सात महिलाओं को टिकट दिया गया था। 27 जनवरी से नामांकन की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी।
सीपीएम की तरफ से कहा गया है कि कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया, फॉरवर्ड ब्लॉक, रिवोल्यूशनरी सोशलिस्ट पार्टी और एक मानवाधिकार कार्यकर्ता भी एक-एक सीट पर चुनाव लड़ेंगे। कांग्रेस अलग से अपनी सूची जारी करेगी और इसके बाद दोनों मिलकर कॉमन मिनिमम प्रोग्राम की घोषणा करेंगे। लेफ्ट ने TIPRA Motha और कांग्रेस का आह्वान भगवा पार्टी से लड़ने के लिए किया था लेकिन केवल कांग्रेस ही साथ आ पाई।