जोशीमठ भू-धंसाव आपदा पीड़ितों को प्रदेश की पुष्कर सिंह धामी सरकार बड़ी राहत देने वाली है। शुक्रवार को होने वाली विशेष कैबिनेट बैठक में जोशीमठ के भविष्य को लेकर रोडमैप भी जारी कर दिया है। गवर्नमेंट की कवायद नई टिहरी की तर्ज पर नया जोशीमठ बसाने की कर दी है। जिसको लेकर प्रशासन के स्तर से भूमि की तलाश शुरू कर दी गई है। गुरुवार को सचिवालय स्थित मीडिया सेंटर पर जोशीमठ के ताजा हालात की जानकारी देते हुए सचिव आपदा प्रबंधन ने भी इसके संकेत दिए हैं।
उन्होंने कहा कि जोशीमठ में आपदा प्रभावितों के पुनर्वास और राहत पैकेज को लेकर मंत्रिमंडल की बैठक में निर्णय लिया जाने वाला है। साथ ही नया जोशीमठ कहां बसाया जाएगा, यह भी तय किया जाने वाला है। फिलहाल कुछ सरकारी जमीनों को चिन्हित भी कर दिया गया है। GSI की ओर से इन जमीनों का भूमि सर्वेक्षण एवं भूगर्भीय अध्ययन भी किया जा रहा है। उधर, नया जोशीमठ बसाने के लिए प्रशासनिक स्तर पर सरकारी भूमि को खंगाला जाने लगा है। इस काम में राजस्व से लेकर पालिका और ब्लॉक अफसर, कर्मियों को लगाया गया है।
यहां बसाया जा सकता है नया जोशीमठ: जोशीमठ शहर के ठीक ऊपर कोटीबाग में उद्यान विभाग की करीब 5 हेक्टेयर भूमि है। इसी तरह मलारी रोड पर ढाक गांव में NTPC की भूमि मुहैया है। औली के समीप कोटी फार्म की भूमि के अलावा पीपलकोटी, गौचर, गैरसैंण तक सरकारी भूमि की तलाश भी की जाने लगी है। जोशीमठ में प्रभावित क्षेत्र के सभी मकानों का मेजरमेंट किया जा रहा है। जिसके उपरांत पुनर्वास वाली जगह पर एक राय बनाई जाने वाली है।
डाटा बेस होगा तैयार: खबरों का कहना है कि जोशीमठ शहर का हाईरेजुलेशन मैपिंग डाटा बेस तैयार भी किया जाने वाला है। GSI इस काम को कर रहा है। संस्थान के निदेशक डॉ. प्रसुन जाना ने कहा है कि अभी तक उनके पास एक बाई 10 हजार रेजुलेशन के मैप हैं, जबकि नई मैपिंग एक बाई एक हजार के रेजुलेशन पर की जाने वाली है। हाई रेजुलेशन मैप मिलने से जोशीमठ शहर में आपदा प्रबंधन के साथ नए जोशीमठ को बसाने में सहायता मिलेगी।