Ukraine Embassy : यूक्रेन में फंसे बच्चों के माता पिता ने यूक्रेन दूतावास पर किया प्रदर्शन, 470 छात्रों को सही सलामत निकाला गया बाहर

0 552

Ukraine Embassy  : रूस के हमले से यूक्रेन में तबाही मच गई है। हर तरफ लोग दर्द में हैं। इसी डरावने माहौल के बीच शुक्रवार को राजधानी स्थित दोनो देशों के दूतावास के बाहर लोगों ने भीड़ लगा दी। ये लोग वही माता पिता थे जिनके बच्चे यूक्रेन में फंसे हुए हैं।

इन सभी की एक ही मांग थी कि कैसे भी करके उनके बच्चों को सही सलामत युक्रेन से निकाला जाए। इस तरह के हालातों को देखते हुए दिल्ली पुलिस ने दोनों दूतावासों की सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी है।

दक्षिण पश्चिम जिला पुलिस ने विकास के चारों तरफ बैरिकेड लगा दिए गए हैं। साथ ही अतिरिक्त सुरक्षा बल भी तैनात किए जा रहे हैं ।अब पूरी जांच के बाद ही लोगों को जाने की अनुमति दी जा रही है।

शुक्रवार सुबह बसंत विहार स्थित यूक्रेन के दूतावास(Ukraine Embassy) पर छात्रों के परिजनों ने प्रदर्शन किया। इनकी संख्या करीबन 300 थी। इसके बाद कड़ी सुरक्षा लगाने पर परिजन दूतावास तक तो नहीं पहुंच सके पर सभी की आंखों में एक दर्द सा था।
यह परिजन दूतावास के अफसरों से यह गुहार लगाने पहुंचे थे कि रोज बमबारी बंद कर दे तो भारतीय छात्रों को वहां से निकाला जाए।

यूक्रेन की बात करें तो वहां के हालात दिनों दिन बद से बदतर होते जा रहे हैं। वहां के बैंक बंद हो चुके हैं और साथ ही बाजारों में खाने-पीने की चीजें खत्म हो रही हैं। ऐसे में वहां फंसे बच्चों को स्थानीय मदद भी नहीं मिल रही है। रूसी दूतावास पर प्रदर्शन कर रहे प्रमोद कुमार ने बताया कि उनकी बेटी कीव में फंसी हुई है जो कि यूक्रेन के मेडिकल कॉलेज में सेकंड ईयर की छात्रा है।

उन्होंने कहा मेरी बच्ची ने मुझे यूक्रेन के हालात बेहतर नहीं बताए हैं लेकिन मेरी बच्ची बंकर में छुप कर बैठी है और बाहर लगातार धमाके हो रहे हैं ।बेटी को कभी दिन में तो कभी रात में ब्रेड आमलेट खा कर गुजारा करना पड़ रहा है और 2 दिन से बात भी नहीं हो पा रही है। आप महसूस कर सकते हैं इन बच्चों के माता-पिता हर पल कैसा महसूस कर रहे होंगे।

 

V Nation News Report

नोट: अगर आपको यह खबर पसंद आई तो इसे शेयर करना न भूलें, देश-विदेश से जुड़ी ताजा अपडेट पाने के लिए कृपया Vnation के Facebook पेज को LikeTwitter पर Follow करना न भूलें...
Leave A Reply

Your email address will not be published.