Ukraine-Russia war : यूक्रेन रूस युद्ध: जेलेंस्की ने पुतिन को पछाड़ा, यूक्रेन के राष्ट्रपति ने शब्दों से हासिल किया दुनिया का समर्थन
Ukraine-Russia war : शब्दों में कितनी शक्ति होती है, यह यूक्रेनी राष्ट्रपति Volodymyr Zelensky ने एक बार फिर दुनिया को दिखा दिया। उन्होंने शब्दों के सटीक चयन और बोलने के अंदाज से न केवल आम यूक्रेनी को सैनिक बना दिया, बल्कि रूस की जनता के दिलों में भी जगह बना ली। उनकी मार्मिक अपीलों ने पूरी दुनिया के लोगों का दिल पिघला दिया। जर्मनी की एक अनुवादक तो उनका संबोधन पढ़ते समय रुआंसी सी हो गई। विशेषज्ञ कह रहे हैं कि Zelensky ने जनसंपर्क के मोर्चे पर पुतिन को भी पीछे छोड़ दिया है।सोशल मीडिया पर पोस्ट किए गए एक वीडियो में यूक्रेनी राष्ट्रपति रूसी भाषा में बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि अगर हमारे देश पर हमला हुआ तो रूस की सेना हमारे चेहरे देखेगी, हमारी पीठ नहीं।
अपने भावुक भाषण में उन्होंने कहा- हम रूस से युद्ध नहीं चाहते। जहां हमने पढ़ाई की, ओर्टिमा स्ट्रीट जहां मैं अपने दोस्तों के साथ घूमा हूं। शचरबकोव पार्क, जहां मैंने दोस्तों के साथ शराब पी थी, जब हम मैच हार गए थे। लुहांस्क, जहां मेरे सबसे अच्छे दोस्त की मां दफन है और उसके पिता भी विश्राम करते हैं? Zelensky के इस संबोधन के बाद जंग के विरोध रूस में भी बड़े पैमाने पर प्रदर्शन शुरू हो गए।
Ukraine-Russia war : रूस-यूक्रेन के बीच छिड़ी जंग बढ़ती ही जा रही है। बेलारूस में दोनों देशों के बीच हुई वार्ता बेनतीजा रही है। इस बीच रूस ने परमाणु ट्रायड की तैयारी भी शुरू कर दी है। खबरों के मुताबिक, यूक्रेन की राजधानी कीव की ओर 84 किलोमीटर लंबा रूसी सैन्य काफिला बढ़ रहा है। इसकी सेटेलाइट तस्वीरें भी जारी हुई हैं। वहीं संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद में इमरजेंसी डिबेट के पक्ष में 29 वोट पड़े हैं। भारत समेत 13 देशों ने इस वोटिंग में भाग नहीं लिया।रूस-यूक्रेन के बीच पिछले पांच दिनों से जंग छिड़ी हुई है।
Russia Ukraine War News :विश्व पर मंडराया परमाणु युद्ध का खतरा, पुतिन ने परमाणु फोर्स को किया अलर्ट
रायटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक, यूक्रेन के राष्ट्रपति Volodymyr Zelensky का कहना है कि, पिछले पांच दिनों में रूस ने यूक्रेन में 56 रॉकेट और 113 क्रूज मिसाइलें दागी हैं। उन्होंने कहा कि रूसी मिसाइलों, प्लेन और हेलीकॉप्टर के लिए नो फ्लाई जोन पर विचार करने का वक्त आ गया है।
रिर्पोट – शिवी अग्रवाल