नई दिल्ली : यूक्रेन की इंटेलिजेंस का दावा है कि रूसी सेना अपने इंटरकॉन्टीनेंटल बैलिस्टिक मिसाइल RS-26 Rubezh को दागने की तैयारी कर रहा है. ये मिसाइल कपुस्टिन यार एयर बेस से लॉन्च की जाएगी. इस इलाके को अस्त्रखान भी कहते हैं. संभावना है कि इस मिसाइल में परमाणु हथियार ना हो. लेकिन कम तीव्रता वाला परमाणु हथियार या खतरनाक पारंपरिक वेपन लगा सकते हैं.
इस मिसाइल का वजन 36 हजार किलोग्राम है. इसमें एक साथ 150/300 किलोटन के 4 हथियार लगाए जा सकते हैं. यानी ये मिसाइल MIRV तकनीक से लैस है. यानी एक साथ चार टारगेट्स पर हमला कर सकती है. यह मिसाइल Avangard हाइपरसोनिक ग्लाइड व्हीकल को ले जाने में भी सक्षम है. यानी हमला और भी तगड़ा हो सकता है.
इस मिसाइल की रेंज करीब 6000 किलोमीटर है. यह मिसाइल 24,500 km/hr की गति से टारगेट की तरफ बढ़ती है. यानी इसे रोक पाना दुनिया के किसी भी एयर डिफेंस सिस्टम के बस का नहीं है. इसे रोड-मोबाइल लॉन्चर से दागा जा सकता है.
रूस के जवाबी हमले के डर से यूक्रेन ने कुर्स्क इलाके में 12 स्टॉर्म शैडो/स्कैल्प ईजी क्रूज मिसाइलों से हमला किया है. यूक्रेन फ्रांस-ब्रिटेन में बनी क्रूज मिसाइल स्टॉर्म शैडो का भरपूर उपयोग कर रही है. यह लंबी दूरी की हवा से लॉन्च की जाने वाली मिसाइल है. एक मिसाइल का वजन 1300 kg होता है. 16.9 फीट लंबी मिसाइल की चौड़ाई 25 इंच और ऊंचाई 19 इंच होती है. इसमें कई स्टेज वाला 450 Kg का वॉरहेड लगता है.
इस मिसाइल की रेंज 550 km है. यह मिसाइल एक सेकेंड में 323 मीटर की दूरी तय करती है. यानी 1200 km/hr की गति. इसे कई तरह के फाइटर जेट से दागा जा सकता है. यह मिसाइल एयरक्राफ्ट से लॉन्च होने के बाद टारगेट की तरफ चुपचाप बढ़ती है. इसकी खासियत ये है कि इसके आने की खबर नहीं लगती.
अमेरिकी सरकार ने राष्ट्रपति जो बाइडेन की अनुमति के बाद यूक्रेन को रूस के खिलाफ एंटी-पर्सनल लैंड माइंस का इस्तेमाल करने की हरी झंडी दे दी है. यह खुलासा अमेरिकी डिफेंस सेक्रेटरी ने किया है. ये ऐसी बारूदी सुरंगें होती हैं, जो सैनिकों का पैर पड़ते ही विस्फोट हो जाती हैं. इससे एक बार एक या कई सैनिक मारे जा सकते हैं.