कैंसर खतरनाक और जानलेवा बीमारी है। इसे फैलने या मौत की वजह बनने से पहले सही समय पर इलाज जरूरी है। समस्या यह है कि कैंसर के शुरुआती संकेत और लक्षणों का सही समय पर पता नहीं चल पाता है। जब तक पता चलता है तब तक यह बाकी हिस्सों में फैल रहा होता है फैल चुका होता है।
कैंसर की कई स्टेज होती हैं और ऐसा माना जाता है कि अगर पहली स्टेज में इसका पता चल जाए, तो काफी हद तक इलाज सही और सफल हो सकता है। यह वो स्थिति होती है, जब कैंसर शरीर में विकसित हो जाता है लेकिन दूसरे हिस्सों में नहीं फैलता है और आस-पास के ऊतकों में गहराई तक नहीं बढ़ता है।
स्टेज 1 कैंसर वह कैंसर है जो छोटा होता है और एक हिस्से में होता है, जो लिम्फ नोड्स या शरीर के अन्य भागों में नहीं फैलता है। एक ही चरण के कैंसर का अक्सर एक जैसा इलाज किया जाता है। उदाहरण के लिए, स्टेज 1 कैंसर के उपचार में आम तौर पर सर्जरी शामिल होती है।
ब्रेस्ट कैंसर की पहली स्टेज में ट्यूमर 2 सेमी तक का होता है और कोई लिम्फ नोड्स शामिल नहीं होते हैं। इसमें कैंसर की कोशिकाएं मूल स्थान से परे ब्रेस्ट के आसपास के ऊतकों में फैल जाती हैं।
स्टेज 1 लंग कैंसर का मतलब है कि कैंसर फेफड़ों के ऊतकों में बना हो सकता है लेकिन लिम्फ नोड्स में नहीं फैला है। स्टेज 1 प्रोस्टेट कैंसर का मतलब है कि कैंसर प्रोस्टेट तक ही सीमित है। डिजिटल रेक्टल टेस्ट के दौरान इसका पता नहीं लगाया जा सकता है और आमतौर पर इसके धीरे-धीरे बढ़ने की उम्मीद होती है।
इसका मतबल है कि कैंसर आंतों की दीवार में हो गया है। यह मांसपेशियों में भी प्रवेश कर सकता है। स्टेज 1 मेलेनोमा कैंसर का मतलब है कि कैंसर की कोशिकाएं त्वचा में विकसित हो गई हैं लेकिन लिम्फ नोड्स या शरीर के अन्य भागों में नहीं फैली हैं।
स्टे ज 1 कैंसर के उपचार के विकल्प कैंसर के प्रकार और स्थान पर निर्भर करते हैं। कुछ मामलों में, स्टेज 1 कैंसर उपचार में कीमोथेरेपी, रेडिएशन थेरेपी, दवाएं और सर्जरी जैसे उपचार शामिल होते हैं। चूँकि स्टेज 1 कैंसर फैला नहीं है इसलिए उपचार ज्यादा कठिन नहीं होते हैं। कुछ तरह के कैंसर के मामलों में जल्दी से उपचार शुरू नहीं होता है, डॉक्टर गंभीरता को नजर में रखते हैं, जिसे ‘वेट एंड वॉच’ कहा जाता है।