नई दिल्ली: साल की पहली जीएसटी काउंसिल की मीटिंग में कई बड़े फैसले लिए गए हैं. केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में हुई इस बैठक में राज्यों एवं केंद्रशासित प्रदेशों के वित्त मंत्री भी शामिल थे. अब वित्त मंत्री मीडिया बातचीत में मीटिंग में लिए गए सभी बड़े निर्णय की जानकारी दे रही हैं. भारतीय रेलवे द्वारा प्लेटफॉर्म टिकट जैसी सेवाओं को जीएसटी से छूट दी गई है. वित्त मंत्री ने कहा कि जीएसटी परिषद ने सभी दूध के डिब्बों पर 12 प्रतिशत की एक समान दर की सिफारिश की है.
परिषद ने टैक्स मांग नोटिस पर जुर्माने पर ब्याज माफ करने की सिफारिश की है. जीएसटी परिषद ने टैक्स अधिकारियों द्वारा अपीलीय न्यायाधिकरण के समक्ष अपील दायर करने के लिए 20 लाख रुपये की सीमा की सिफारिश की है. इसमें हाईकोर्ट के लिए 1 करोड़ रुपये और सुप्रीम कोर्ट के लिए 2 करोड़ रुपये की सीमा तय की गई है.
आंध्र प्रदेश के वित्त मंत्री पी केशव ने शनिवार को कहा कि जीएसटी परिषद ने उर्वरक क्षेत्र को मौजूदा पांच प्रतिशत जीएसटी से छूट देने की सिफारिश को मंत्रिसमूह के पास भेज दिया है. अब इस मुद्दे पर परिषद विचार करेगा. परिषद ने उर्वरक बनाने वाली कंपनियों और किसानों के हित में पोषक तत्वों तथा कच्चे माल पर जीएसटी कम करने पर चर्चा की. इसकी सिफारिश फरवरी में रसायन और उर्वरक पर स्थायी समिति ने की थी.
इस समय उर्वरकों पर पांच प्रतिशत की दर से जीएसटी लगाया जाता है, जबकि सल्फ्यूरिक एसिड और अमोनिया जैसे कच्चे माल पर 18 प्रतिशत की उच्च जीएसटी दर है. जीएसटी परिषद की 53वीं बैठक के बाद पत्रकारों से बात करते हुए केशव ने कहा कि उर्वरकों पर जीएसटी दर कम करने का प्रस्ताव मंत्रिसमूह (जीओएम) को भेज दिया गया है. सितंबर 2021 और जून 2022 में आयोजित 45वीं और 47वीं बैठकों में उर्वरकों पर कर में कमी का मुद्दा जीएसटी परिषद के सामने रखा गया था. हालांकि, उस समय परिषद ने दरों में किसी भी बदलाव की सिफारिश नहीं की थी. जीएसटी परिषद की बैठक शनिवार को आठ महीने बाद हुई. परिषद की पिछली बैठक सात अक्टूबर, 2023 को हुई थी.