वाशिंगटन: अमेरिका स्थित एक थिंक टैंक ने भारत-अमेरिका रक्षा सह-निर्माण के लिए अभूतपूर्व अवसरों के मद्देनजर कहा कि दोनों देशों की कंपनियों के बीच अधिक रक्षा उद्योग साझेदारी वाणिज्यिक और नियामक कारकों पर निर्भर है।
‘ऑब्जर्वर रिसर्च फाउंडेशन’ (अमेरिका) ने जारी ‘‘सटीक लक्ष्य: अमेरिका-भारत रक्षा उद्योग साझेदारी को तेज करना’’ नामक रिपोर्ट में कहा कि भारत में अनुमानित मांग सुनिश्चित करने के लिए दीर्घकालीन निवेश और प्रौद्योगिकी हस्तांतरण के लिए मजबूत कारोबारी आधार की आवश्यकता है।
ओआरएफ (अमेरिका) ने रिपोर्ट में कहा, ‘‘अमेरिका-भारत रक्षा उद्योग साझेदारी में कई कारकों को देखते हुए तेजी लायी जा सकती है जिसमें यूक्रेन में युद्ध के कारण पैदा हुई तत्काल परिस्थितियों समेत सहायक घरेलू नीतियां और अनुकूल भू-राजनीतिक स्थिति शामिल है।’’
इसने कहा कि 2023 की शुरुआत में अहम तथा उभरती प्रौद्योगिकियों पर अमेरिका-भारत पहल शुरू होने से द्विपक्षीय रक्षा उद्योग सहयोग को बड़ी गति मिली है।
रिपोर्ट में कहा गया, ‘‘ये परिस्थितियां भारत-अमेरिका रक्षा सह-निर्माण के लिए अभूतपूर्व अवसर पैदा करती हैं। लेकिन इसके लिए सरकार से सरकार के स्तर पर शानदार राजनीतिक प्रगति को कारोबार से कारोबार स्तर तक ठोस परिणाम में बदलने की आवश्यकता होगी।’’