लखनऊ: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के कार्यकाल में प्रदेश में दुग्ध उत्पादन में अप्रत्याशित वृद्धि हुई है। उत्तर प्रदेश दुग्ध उत्पादन में देश में पहले स्थान पर है। देश भर में अकेला उत्तर प्रदेश कुल दुग्ध उत्पादन का 16.60 प्रतिशत उत्पादित करना है। प्रदेश में प्रतिदिन 8.72 करोड़ किलोग्राम से ज्यादा दुग्ध का उत्पादन होता है। वहीं प्रदेश में 48 प्रतिशत ही इसकी खपत होती है। शेष 52 प्रतिशत दुग्ध अन्य राज्यों को सप्लाई किया जाता है। प्रदेश में संगठित क्षेत्र में 110 डेयरी प्लांट है, जिसमें सहकारी क्षेत्र के तहत 13 डेयरी प्लांट आते हैं।
दुग़्ध उत्पादन में महिलाओं का अहम रोल
यूपी का डेयरी उद्योग सहकारी मॉडल पर आधारित है जो छोटे और सीमांत डेयरी किसानों, विशेषकर महिलाओं को सशक्त बनाता है। प्रधानमंत्री के विजन से प्रेरित होकर योगी सरकार ने डेयरी क्षेत्र की बेहतरी के लिए कई कदम उठाए हैं। इसी का परिणाम है कि आज प्रदेश की अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाने और नया आयाम देने में दुग्ध उत्पादन का अहम योगदान है। इसके साथ ही महिलाएं इससे जुड़कर आत्मनिर्भर और स्वावलंबी बन रही हैं।
प्रदेश में 319 लाख मीट्रिक टन से ज्यादा हो रहा दुग्ध उत्पादन
उत्तर प्रदेश के दुग्ध आयुक्त शशि भूषण लाल सुशील ने बताया कि देश मंथ 16.60 प्रतिशत शेयर के साथ उत्तर प्रदेश देश का सर्वाधिक दुग्ध उत्पादन करने वाला राज्य है। अगर पिछले पांच वर्ष की बात करें तो मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देशन में दुग्ध उत्पादन में प्रदेश में 20 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। उत्तर प्रदेश वर्तमान में 319 लाख मीट्रिक टन दूध का उत्पादन कर देश में पहले स्थान पर है, जबकि राजस्थान 256 लाख मीट्रिक टन दूध का उत्पादन कर दूसरे, मध्य प्रदेश 171 लाख मीट्रिक टन का उत्पादन कर तीसरे, गुजरात 153 लाख मीट्रिक टन का उत्पादन कर चौथे और आंध्र प्रदेश 152 लाख मीट्रिक टन का दूध उत्पादन कर पांचवे स्थान पर है।
एक हजार करोड़ का होगा निवेश
उत्तर प्रदेश के दुग्ध आयुक्त ने बताया कि प्रदेश में 20 दुग्ध संघ सहकारी क्षेत्र में हैं जबकि 8600 से अधिक कार्यरत दुग्ध समितियों में करीब 4 लाख दुग्ध उत्पादक सदस्य हैं। प्रदेश में जहां पांच साल पहले प्रति व्यक्ति दूध की उपलब्धता 352 ग्राम प्रति दिन थी जो आज वित्तीय वर्ष में बढ़कर 406 ग्राम प्रतिदिन पहुंच गई है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश में प्रति व्यक्ति दूध की उपलब्धता राष्ट्रीय स्तर पर पहुंचाने के लिए संकल्प लिया है। इसी क्रम में अगले पांच वर्षों में एक हजार करोड़ निवेश की योजना बनाई गई है। इसके लिए नंद बाबा दुग्ध मिशन संचालित करने का निर्णय लिया गया है। प्रदेश में पिछले पांच वर्षों में कुल दुग्ध उत्पादन में 20 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी होने से जहां किसानों, पशुपालकों की आय में वृद्धि हुई वहीं दुग्ध समितियों में स्वयं सहायता समूह के जुड़ने से महिलाएं आत्मनिर्भर हुई हैं। प्रदेश में दूध उत्पादन की बढ़ोत्तरी में स्वयं सहायता समूह की महिलाओं की भूमिका अहम है। प्रदेश में जहां वर्ष 2016-17 में दूध का उत्पादन 264 लाख मीट्रिक टन होता था वहीं वर्तमान में 319 लाख मीट्रिक टन से ज्यादा हो रहा है।
दुग्ध उत्पादन के साथ खुलेंगे रोजगार की असीम संभावनाओं के द्वार
मालूम हो कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को ग्रेटर नोएडा के इंडिया एक्सपो सेंटर एंड मार्ट में आयोजित इंटरनेशनल डेयरी फेडरेशन वर्ल्ड डेयरी समिट 2022 का उद्घाटन किया। चार दिवसीय समिट में डेयरी उद्योग से जुडे दुनियाभर के व्यापारी, विशेषज्ञ, किसान और नीति निर्माता शामिल हो रहे हैं। उत्तर प्रदेश की धरती पर आयोजित हो रहा यह समिट दुग्ध उत्पादन और इस क्षेत्र में रोजगार की असीम संभावनाओं के द्वार खोलेगा।