UP Fifth Phase Election: अयोध्या और अमेठी पर टिकीं निगाहें, कई दिग्गजों की प्रतिष्ठा दांव पर,
Uttar Pradesh :युद्ध किसी चीज का समाधान नहीं हो सकता (UP Fifth Phase Election)। विनाश की पटकथा जरूर लिख देता है। इसका असर उन लोगों पर भी पड़ता है जिनका कोई सरोकार नहीं होता। यूक्रेन में पढ़ रहे भारतीय छात्रों के साथ ऐसा ही हो रहा है। इनमें काफी संख्या में अलीगढ़ के भी हैं।
उनका एक-एक पल मुसीबत के साथ कट रहा है। उन्हें नहीं पता कि आज कुछ खा लिया तो कल वो भी मिल पाएगा। चिप्स और ब्रैड खाकर छात्र समय काट रहे हैं। कीव और खारकीव में फंसे छात्रों के सामने ज्यादा संकट है (UP Fifth Phase Election)। उन्हें वो उम्मीद भी नजर नहीं आ रही जो उन्हें हौंसला दे कि आप को जल्द से जल्द यूक्रेन से निकाल लिया जाएगा। अभिभावक सुबह से शाम तक भारतीय दूतावास को अपने बच्चों की लोकेशन भेजने में लग जाते हैं। सभी की यही उम्मीद रहती है कि भारत सरकार जल्द से जल्द उनके बच्चों को मुसीबत से निकाले।इस बार सरकार किसकी बनेगी? ये सवाल हर किसी की जुबान पर है। मतगणना का समय नजदीक आते देख ये चर्चा और तेज हो गई है।
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अलीगढ़ की सात सीटों पर किसका राज रहेगा इसका गुणा-भाग लगाने में राजनीतिक पंडित फिर से जुट गए हैं। प्रत्याशियों की धड़कन भी तेज होने लगी है। सरकार किसकी बनेगी इसकी ताह लेने में अफसर भी जुट गए हैं। इसके लिए अपने साथी अफसरों के ही फोन घनघना रहे हैं। चार चरणों के मतदान में भाजपा और सपा को कितनी-कितनी सीट मिली रही हैं? रविवार को होने वाले पांचवे और अंतिम चरण के मतदान में किस पार्टी को कितनी सीट मिल जाएंगी? ऐसे ही सवाल पूछे जा रहे हैं। ऐसा हर चुनाव में होता है। उसी के हिसाब से अफसर संबंधित पार्टी के नेताओं के संपर्क कर गोटियां फिट करते हैं। इस बार किसकी गोटियां फिट हो पाती हैं ये वक्त ही बताएगा।
रिर्पोट – शिवी अग्रवाल