बरेली : फरीदपुर मे लखनऊ हाईवे के किनारे स्थित अशोका फोम फैक्टरी में बुधवार देरशाम लगी भीषण आग में चार मजदूर जिंदा जल गए। परिजनों के हंगामे के बाद रेस्क्यू में लगी टीमों ने देर रात कंकाल में तब्दील शव फैक्टरी के अंदर से निकाले। आग में झुलसे छह मजदूरों को निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया है। घटनास्थल पर डीएम शिवाकांत द्विवेदी भी पहुंचे।
हाईवे किनारे अशोका फोम की चार फैक्टरियां हैं। इनमें से जेड़ गांव के पास एक फैक्टरी में गद्दे के लिए फोम बनाया जाता है। फैक्टरी में शाम करीब सात बजे तेज धमाके के साथ एक हिस्से में आग लग गई। इससे लोहे के एंगलों पर टिकी फैक्टरी भवन की छत ढह गई। लपटें देखकर कर्मचारियों में भगदड़ मच गई। परसाखेड़ा, बरेली और फरीदपुर से फायर ब्रिगेड की पांच गाड़ियां मौके पर पहुंचीं। धमाका इतना तेज था कि आसपास के गांवों के लोग भी मौके पर पहुंच गए।
जानकारी के अनुसार कड़ी मशक्कत के बाद रात करीब साढ़े नौ बजे आग पर काबू पाया जा सका। घटना के बाद से सरकड़ा गांव निवासी मजदूर राकेश और हरहरपुर निवासी अरविंद लापता थे। उनकी तलाश में टीमें जुटीं तो रात साढ़े 11 बजे दो लोगों के शव लोहे की चादरों के बीच से निकाले गए। शवों की हालत ऐसी थी कि उन्हें पहचानना मुश्किल था। राकेश और अरविंद के परिजनों का मानना था कि शव उन्हीं दोनों के हैं।
इधर, झुलसने वालों में हरहरपुर निवासी रवि, नकटिया निवासी बबलू, धारमपुर निवासी हंसराज आदि शामिल हैं। देर रात तक पुलिस-प्रशासन का रेस्क्यू ऑपरेशन चलता रहा। झुलसे लोगों को एंबुलेंस से बरेली भेजा गया है। सूचना पर सीएफओ, एफएसओ, सीओ फरीदपुर गौरव सिंह के साथ जिलाधिकारी शिवाकांत द्विवेदी व एसएसपी प्रभाकर चौधरी भी घटनास्थल पहुंच गए।
फैक्टरी में धमाका इतना तेज था कि यहां से करीब 500 मीटर दूर स्थित गांव में भी लोग सहम गए। किसी ने इसे बिजली गिरना तो किसी ने बम फटना माना। आग की लपटें पांच किमी दूर से स्पष्ट दिखाईं दे रहीं थीं।