लखनऊ: आज हमारे सामने चुनौती है अपने उत्पाद की विशिष्टता और श्रेष्ठता साबित करने की, जिस दिन हम अपने 90 लाख यूनिट से श्रेष्ठतम उत्पादों का प्रॉडक्शन करने लगेंगे, नि:संदेह हम पूरी दुनिया में छा जाएंगे। अब हमें अपने प्रॉडक्ट की क्वालिटी, डिजायनिंग और पैकेजिंग पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है। ये बातें मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विश्वकर्मा जयंती के अवसर पर शनिवार को लोकभवन में आयोजित एमएसएमई और हस्तशिल्प पुरस्कार वितरण समारोह के दौरान अपने संबोधन में कही।
समारोह में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने एमएसएमई और हस्तशिल्प के क्षेत्र में विशिष्ठ कार्य करने वाले श्रमिकों, हस्तशिल्पियों और उद्यमियों को पुरस्कृत तथा सम्मानित किया। कोरोना के कारण बीते तीन साल से सम्मान समारोह का आयोजन नहीं हो पाया था। सीएम ने इसके साथ ही आगरा और कानपुर में फ्लैटेड फैक्ट्री का भी शिलान्यास किया।
अपने संबोधन में मुख्यमंत्री ने कहा कि आज सृष्टि के आदि शिल्पी भगवान विश्वकर्मा और आधुनिक भारत के शिल्पी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का पावन जन्मदिन है। इस अवसर पर आप सभी को बधाई देता हूं। आप सभी हस्तशिल्पी, श्रमिक और उद्यमी अपने कार्यों से भारत को आत्मनिर्भर बना रहे हैं। प्रसन्नता है कि मुझे यहां पर विश्वकर्मा जयंती के शुभ अवसर पर प्रदेश के हस्तशिल्पी और कारीगरों का सम्मान करने का अवसर मिला है।
हमारे श्रमिक और हस्तशिल्पी जो कभी ग्राम स्वराज की परिकल्पना और आत्मनिर्भर भारत के स्वप्न को साकार किया करते थे। उनके पास हुनर तो था, मगर उत्पादों में समय के अनुरूप डिजायनिंग, पैकेजिंग का आभाव था। इतना ही नहीं शासन स्तर पर उनकी कोई मदद नहीं की जाती थी, यहां तक कि कोई कुछ करना भी चाहता था तो तमाम बंदिशें लगाकर उसे हतोत्साहित किया जाता था। मगर आज हमने विश्वकर्मा श्रम सम्मान योजना के माध्यम से हस्तशिल्पियों के लिए तमाम कार्यक्रमों को आगे बढ़ाया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हस्तशिल्पियों ने परंपरागत पेशे को तमाम अभाव और चुनौती के बावजूद संरक्षित कर रखा है। यूपी के पास आज सबसे अधिक 90 लाख सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम (एमएसएमई) हैं। औद्योगिक विकास की पहली शर्त ही एमएसएमई क्लस्टर होते हैं। अब हमें यूपी के प्रॉडक्ट की क्वालिटी पर ध्यान देने की जरूरत है। निर्यात के लिए जनपद स्तर पर प्रयास करना होगा, यही हमारा लक्ष्य होना चाहिए। अगर हमने ये लक्ष्य प्राप्त कर लिया तो यूपी का प्रॉडक्ट पूरी दुनिया के अंदर छाएगा।
मुख्यमंत्री ने बताया कि हमने दो महत्वपूर्ण योजनाएं चलायीं। इनमें एक जनपद एक उत्पाद (ओडीओपी) और दूसरी विश्वकर्मा श्रम सम्मान योजना है। हमने उत्पादों की क्वालिटी के साथ ही डिजायनिंग और पैकेजिंग के लिए बकायदा ट्रेनिंग की शुरुआत की, शिल्पकारों को ट्रेनिंग के दौरान निश्चित मानदेय देने के प्रबंध किये साथ ही साथ टूलकिट भी प्रदान किये। किसने सोचा था कि गोरखपुर का टेराकोटा, मुरादाबाद की ब्रॉस की कलाकारी, फिरोजाबाद का ग्लास, कन्नौज का इत्र, अलीगढ़ के ताले, भदोही का कालीन, सहारनपुर का क्राफ्ट और वाराणसी के हस्तशिल्प को वैश्विक स्तर पर पहचान दिलाने के लिए सरकार की ओर से भी सार्थक प्रयास हो सकता है। आजमगढ़ जिसे 2017 से पहले आतंकवादियों का गढ़ माना जाता था आज वहां की ब्लैक पॉटरी को दुनियाभर में सम्मान मिल रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि 40 लाख प्रवासी कामगार और श्रमिक कोरोना काल में वापस आए थे। कुछ लोगों ने आशंका व्यक्त की थी कि इससे प्रदेश में अव्यवस्था फैलेगी। मगर प्रवासी कामगारों से अव्यवस्था नहीं बल्कि सुव्यवस्था फैली। हमें पर्याप्त मात्रा में मैन पावर मिल गया। यूपी में आज बेहतरीन कानून व्यवस्था, रोजगार का सृजन, औद्योगिक निवेश का माहौल है। कोरोना काल के बावजूद बीते ढाई वर्ष में यूपी का एक्सपोर्ट 88 हजार करोड़ से बढ़कर एक लाख 56 हजार करोड़ तक यानी दोगुना बढ़ा है। ये उल्लेखनीय वृद्धि है। एमएसएमई आज एक विश्वसनीयता का प्रतीक बनकर उभरा है।
मुख्यमंत्री ने बताया कि 2021 के आंकड़ों के हिसाब से यूपी गुड गवर्नेंस इंडेक्स में प्रथम स्थान पर है। इंडिया इनोवेशन इंडेक्स में सातवां स्थान, एक्सपोर्ट इन्डेक्स ईपीआई में छठा स्थान और लॉजिस्टिक इज अक्रॉस डिफ्रेंट स्टेट में छठे स्थान पर यूपी ने उल्लेखनीय उपलब्धि हासिल की है। मुख्यमंत्री ने आगरा और कानपुर में फ्लैटेड फैक्ट्री का शिलान्यास करते हुए कहा कि समय आ गया है जब हम फैक्ट्रियों को जमीन पर हॉरीजेंटल विस्तार देने की जगह उसे बहुमंजिल रूप प्रदान करें। फ्लैटेड फैक्ट्रियां एक ही स्थान पर मल्टीस्टोरी फैक्ट्री के रूप में निर्मित की जाएंगी। आगरा में फ्लैटेड फैक्ट्री निर्माण के लिए 8,812 वर्ग मीटर क्षेत्र में क्लस्टर डेवलप किया जा रहा है। इसका निर्माण 26 करोड़ 41 लाख रुपये से हो रहा है। यहां एक ही कॉम्पलेक्स में 40 इकाइयों की स्थापना की जाएगी। इसी प्रकार कानपुर में होजरी सिलाई क्लस्टर के निर्माण के लिए यहां 60,657 वर्ग मीटर में 24 करोड़ 72 लाख रुपए में एक कॉम्पलैक्स का निर्माण किया जा रहा है। इमें 67 इकाइयों की स्थापना होगी।