लखनऊ। उत्तर प्रदेश शहरी विकास विभाग ने अपने कर्मचारियों को अपनी चल-अचल संपत्तियों के साथ-साथ अपने आश्रितों का ब्योरा जमा करने का निर्देश दिया है। यह योगी आदित्यनाथ सरकार की भ्रष्टाचार के प्रति जीरो टॉलरेंस की नीति के साथ-साथ अधिकारियों और कर्मचारियों के कामकाज में पारदर्शिता लाने के अनुरूप है।
नगरीय विकास विभाग के प्रमुख सचिव अमृत अभिजात ने कहा, ”नगरीय निकायों को भ्रष्टाचार से मुक्त करने के लिए अधिकारियों और कर्मचारियों को निर्देश दिया गया है कि वे मानव सम्पदा पोर्टल पर अपनी चल-अचल संपत्ति का विवरण अपने नाम से और अपने आश्रितों के नाम से जमा कराएं।”
पहली नियुक्ति के समय और प्रत्येक पांच वर्ष के बाद, प्रत्येक सरकारी अधिकारी/कर्मचारी, सामान्य प्रक्रिया के माध्यम से, नियुक्ति प्राधिकारी को ऐसी सभी अचल संपत्ति की घोषणा करेगा जो उसके पास है और साथ ही उपहार के माध्यम से, पट्टे पर या बंधक पर या उसके द्वारा अर्जित की गई है। अन्य संलग्न संपत्तियां, जो उसके या परिवार के किसी अन्य सदस्य के पास हों।
उन्हें संपत्ति, शेयर और अन्य पूंजी का ब्योरा देना होगा। उन्होंने कहा कि संपत्ति का विवरण एनआईसी द्वारा विकसित मानव संपदा पोर्टल पर अपलोड किया जाएगा। तबादला प्रक्रिया में पारदर्शिता लाने के लिए योग्यता आधारित ऑनलाइन तबादला नीति भी लागू की गई है। उक्त प्रक्रिया के लिए सभी अधिकारियों/कर्मचारियों के ढक (मुख्य प्रदर्शन संकेतक) को निर्धारित करने का निर्णय लिया गया है।
उन्होंने कहा कि सभी विभागाध्यक्षों को निर्देश दिए गए हैं कि केपीआई (की परफॉरमेंस इंडिकेटर्स) का निर्धारण करते समय सभी अधिकारियों/कर्मचारियों को जानकारी उपलब्ध कराएं।