लखनऊ। उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार (yogi adityanath government) ने लावरिस पशुओं को लेकर बड़ा कदम उठाया है। अब ऐसे लोगों पर कार्रवाई होगी जो दूध देने के बाद गाय को बेसहारा छोड़ देते हैं। उनके खिलाफ पशु क्रूरता रोकथाम अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया जाएगा। कहा जा रहा है कि सरकार के इस फैसले से लावरिस पशुओं में कमी देखने को मिलेगी।
पशुपालन मंत्री धर्मपाल सिंह ने कहा कि, कसाई और किसान में अंतर है। हम किसानों का ध्यान रखेंगे, कसाइयों का नहीं। अपने पशुओं को छोड़ने वालों के खिलाफ पशु क्रूरता रोकथाम अधिनियम के तहत केस दर्ज किया जाएगा। पशुपालन मंत्री ने ये जवाब विधानसभा में सपा विधायक अवधेश प्रसाद की ओर से विधानसभा में प्रश्नकाल के दौरान पूछे गए सवाल पर दिया।
दरअसल, सपा विधायक अवधेश प्रसाद ने सरकार से आवारा पशुओं की समस्या को लेकर योजना और इनकी वजह से मारे गए लोगों को मुआवजे से संबंधित सवाल पूछा था। इसका जवाब देते हुए पशुपालन मंत्री ने कहा कि, ‘ये आवारा मवेशी नहीं हैं, बल्कि उन्हें छोड़ा गया है। हर कोई जानता है कि उन्हें किसने छोड़ा है।
जब एक गाय दूध देती है तो उसे रखा जाता है और जब दूध देना बंद करती है तो छोड़ दिया जाता है।’ इसके साथ ही मंत्री ने बताया कि 15 मई तक 6,187 गौ आश्रम केंद्र प्रदेश के शहरी और ग्रामीण इलाकों में बनाए गए हैं। इनमें 8,38,015 पशुओं को रखा गया है।