वास्तु शास्त्र: भारतीय रसोई में रोटी, पूरी या पराठा बनाने के लिए चकला-बल्लन का उपयोग किया जाता है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि, यह छोटा दिखने वाला चकला-बल्लन आपको घर में सुख-समृद्धि बनाए रखने में मदद करता है। . वास्तु के अनुसार अगर आप इसे खरीदते समय इस्तेमाल करते समय कुछ बातों को नजरअंदाज कर देते हैं तो आपको भारी नुकसान उठाना पड़ सकता है। इसलिए कुछ बातों का ध्यान रखना चाहिए। तो आइए जानते हैं चकला-बेलन से जुड़े वास्तु टिप्स के बारे में…
यदि आप नया चकला-बेलन खरीद रहे हैं तो दिन का विशेष ध्यान रखें और किसी भी मंगलवार और शनिवार को चकला-बेलन नहीं खरीदना चाहिए। इन दो दिनों को छोड़कर आप किसी भी दिन चकला बेलन खरीद सकते हैं। लेकिन चकला-बेलन खरीदने के लिए सबसे शुभ दिन बुधवार है। बेलन को कभी भी उल्टा न रखें। इससे वास्तु दोष उत्पन्न होता है। पहिया को खड़ा रखें और सिलेंडर को घुमाते रहें। बेलन को कभी भी आटे या चावल के डिब्बे पर न रखें। ऐसा करना अशुभ माना जाता है।
वास्तु के अनुसार रात को सोने से पहले चकला-बल्लन को धो लें। बेलन को बिना धोए इस्तेमाल न करें। गंदे पहिये के इस्तेमाल से सेहत पर बुरा असर पड़ता है। बेलन को हमेशा इस तरह से खरीदें कि उसमें आवाज न हो। घर में हलचल की आवाज से अशांति का माहौल है। अगर बेलन टूटा हुआ है तो उसे तुरंत घर से हटा दें। क्योंकि ऐसा चक्का दरिद्रता को बढ़ावा देता है और धन हानि की भी संभावना रहती है।