Vastu Tips: इस रंग का स्‍वास्तिक घर में बनाने से बदल सकती है आपकी किस्मत

0 209

नई दिल्ली। आज के समय में लोगों का वास्तु में अधिक विश्वास हो गया है। बहुत से लोग अपनी हर समस्या का समाधान वास्तु में ढूंढते हैं और उसी के अनुसार उपाय करते हैं। अगर देखा जाए तो वास्तु का प्रचलन लोगों में काफी हो गया है। वहीं वास्तु में स्‍वास्तिक को बहुत ही खास माना गया है और इसके कई सारे लाभ बताए गए हैं। सभी ने देखा होगा कि वास्तु का रंग आमतौर पर लाल होता है, लेकिन वास्तु शास्त्र में स्‍वास्तिक के कुछ ऐसे भी रंग बताए गए हैं जो आपके जीवन से जुड़ी अलग-अलग समस्‍याओं को दूर कर सकते हैं।

ज्यादातर मौकों पर स्वास्तिक को हल्दी से ही बनाया जाता है। ईशान या उत्तर दिशा में दीवार पर यदि पीले रंग का स्वास्तिक बनाते हैं तो यह घर में सुख शांति बनाए रखने में लाभकारी होता है। इसी प्रकार मांगलिक कार्य के लिए लाल रंग का स्वास्तिक बनाना शुभ रहता है। कोयले से बना काला स्वास्तिक बुरी नजर और बुरे समय को दूर करने के लिए बेहद ही उपयोगी और अचूक उपाय माना जाता हैं। आपके घर परिवार के सदस्यों पर या आपके व्यवसाय को किसी की बुरी नजर लग गई है तो इस बुरी नजर के कुप्रभाव से बचने के लिए अपने घर के मुख्य द्वार पर कोयले से एक स्वास्तिक का चिन्ह बना लें।

हम अपने घर के प्रवेश द्वार पर कुमकुम या रोली का इस्तेमाल कर स्वास्तिक का चिह्न बनाते हैं। स्वास्तिक के चिह्न को बहुत ही पवित्र तथा शुभ माना जाता हैं। स्वास्तिक के चिन्ह को श्री गणेश भगवान का प्रतीक माना जाता हैं। ऐसा माना जाता है कि स्वास्तिक के चिह्न को बनाने से घर पर इसका शुभ प्रभाव पड़ता हैं तथा घर में सुख, समृद्धि आती है।

किसी व्यक्ति को रात को सोते समय बुरे सपने आते हैं तो इसके लिए सोने से पहले अपनी तर्जनी उंगली से लाल स्वास्तिक का चिह्न बना लें और इसके बाद सोने के लिए जाएं।स्वास्तिक का प्रयोग शुद्ध, पवित्र एवं सही ढंग से उचित स्थान पर करना चाहिए। शौचालय एवं गंदे स्थानों भूलकर भी इसका प्रयोगन करें। ऐसा करने वाले की बुद्धि एवं विवेक समाप्त हो जाता है। दरिद्रता, तनाव एवं रोग एवं क्लेश में वृद्धि होती है।

नोट: अगर आपको यह खबर पसंद आई तो इसे शेयर करना न भूलें, देश-विदेश से जुड़ी ताजा अपडेट पाने के लिए कृपया Vnation के Facebook पेज को LikeTwitter पर Follow करना न भूलें...
Leave A Reply

Your email address will not be published.