शाकाहारी लोग मशरूम से ले सकेंगे चिकन-मटन का स्वाद, Research में जुटे वैज्ञानिक

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सोलन : मांसाहार से परहेज करने वाले शाकाहारी लोग चिकन-मटन का स्वाद मशरूम से ही ले सकेंगे, जिनके लिए जल्द ही बाजार में ऐसी मशरूम मिलेगी। केंद्रीय मशरूम अनुसंधान केंद्र सोलन के वैज्ञानिक देश की पहली ऐसी मशरूम के शोध कार्य में जुटे हैं, जो चिकन-मटन का स्वाद देगी।

यह मशरूम मांसाहार न खाने वालों के लिए बेहतर विकल्प होगा। इस मशरूम को वेगनमीट का नाम दिया है। वैज्ञानिकों का दावा है कि इसमें चिकन-मटन से अधिक मात्रा में प्रोटीन होगा, जबकि फैट कम होगा। यह रंग और आकार में मटन की तरह दिखेगी। इसमें सोडियम और कोलेस्ट्रॉल भी कम होगा, जो स्वास्थ्य के लिए लाभदायक होगा। इस मशरूम को माइसिलियम समेत अन्य कई तकनीक से तैयार करने पर शोध चल रहा है।

खुंब निदेशालय के निदेशक डॉ. वीपी शर्मा ने बताया कि कुछ लोग मांसाहार के शौकीन होने के बाद भी इसमें अधिक फैट के कारण इसका सेवन नहीं कर पाते। अब सभी लोग चिकन-मटन का स्वाद मशरूम के रूप में चख सकते हैं। इससे उनका स्वास्थ्य भी सही रहेगा। डीएमआर की ओर से पहले भी कई औषधीय गुणों से भरपूर मशरूम पर शोध किया जा चुका है।

यह मशरूम अन्य सभी मशरूमों को तैयार करने, स्वाद, रंग और आकार में अलग होगी। कई अन्य देश भी इस पर कार्य कर रहे हैं। संबंधित देशों ने इसे तैयार करने की विधि का खुलासा नहीं किया है। इस कारण डीएमआर ने भी इस पर ज्यादा जानकारी साझा नहीं की है। डॉ. वीपी शर्मा ने बताया कि डॉ. बृजलाल अत्री, डॉ. अनुराधा श्रीवास्तव इस पर कार्य कर रही है।

इससे पहले भी डीएमआर की ओर से एक लाख रुपये प्रति किलो बिकने वाली कीड़ा जड़ी मशरूम, नीम और तुलसी के भूसे पर औषधीय गुणों से भरपूर मशरूम, कैंसर से लड़ने वाली टरकीटेल, 45 दिन में तैयार होने वाली शटाखें, याददाश्त तेज करने वाली हैरोशियम मशरूम समेत अन्य कई मशरूम को तैयार करने में सफलता हासिल की है। निदेशालय की ओर से जंगली मशरूमों पर भी शोध किया जा रहा है, जिसमें जंगलों में पाई जाने वाली गुच्छी मशरूम को कमरे में तैयार करने पर भी सफलता हासिल की है।

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