केंद्र के तीन कृषि कानूनों की वापसी के बाद यूपी गेट बार्डर (UP Gate Border) पर एक साल से ज्यादा समय तक चला किसान आंदोलन (Farmers Protest) खत्म हो गया है. वहीं किसान बुधवार सुबह हवन-पूजन के बाद फतेह मार्च के साथ अपने घरों को रवाना हो गए. पुलिस के मुताबिक मरम्मत और मलबा हटाने के बाद गुरुवार यानी आज से गाजीपुर बॉर्डर (Ghazipur Border) सभी वाहनों के लिए खोल दिया जाएगा.
वहीं सिंघु बॉर्डर पर छोटे वाहनों की आवाजाही के लिए दोनों कैरिज-वे की तीन लेन खोल दी गई है. यहां पांच लेन की मरम्मत का काम अभी चल रहा है. काम पूरा होती ही इन्हें भी खोल दिया जाएगा. जिसके बाद छोटे वाहनों के साथ भारी वाहनों की आवजाही भी पूरी तरह हो पाएगी. वहीं बुधवार को किसानों की घर वापसि हुई.किसानों ने यूपी गेट से फतेह मार्च निकालने से पहले हवन में आहुति दी जिस दौरान किसान नेता गौरव टिकैत, मीडिया प्रभारी शमशेर राणा होशियार सिंह और अन्य किसान मौजूद रहे. भाकियू के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत भी गाजीपुर बॉर्डर पहुंचे जिन्होंने किसानों फतेह मार्च का नेतृत्व किया और मुजफ्फरनगर के लिए रवाना हो गए.
टिकैत ने कहा कि 13 महीने के संघर्ष के बाद किसानों का सम्मान लौटा है. जो नौजवान, अन्नदाता दबा हुआ था, उसे अपनी बात कहने की आजादी मिली है. अभी आंदोलन खत्म नहीं हुआ है. भारत सरकार से समझौते के आधार पर आंदोलन स्थगित हुआ है. हवन संपन्न होने के बाद किसानों ने अपने सामान तैयार किए और एक-दूसरे से मिलकर विदा हो गए. फतेह मार्च निकालने से पहले किसानों ने देशभक्ति गीतों पर भी डांस किया.
गौरतलब है कि संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) – किसान निकायों के एक संगठन द्वारा केंद्र के तीन कृषि कानूनों को निरस्त करने और सरकार द्वारा अपनी अन्य मांगों को स्वीकार करने के बाद आंदोलन को निलंबित करने के बाद किसानों ने विरोध स्थलों को छोड़ना शुरू कर दिया. वहीं, राकेश टिकैत केंद्र सरकार द्वारा लाए गए कृषि कानून के विरोध में यूपी बॉर्डर पर प्रदर्शन कर रहे थे. उन्होंने इन कानूनों के विरोध में लगभग एक साल तक धरना प्रदर्शन किया. हाल ही में केंद्र सरकार ने तीनों कानूनों को वापस ले लिया. जिसके बाद अब सभी किसान वहां से घर वापसी कर रहे है.