भारत-चीन के सैनिक लद्दाख में गोगरा-हाटस्प्रिंग से हटे पीछे, वेरीफिकेशन प्रक्रिया भी हुई पूरी

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नई दिल्ली: भारत और चीन की सेनाओं ने मंगलवार को पूर्वी लद्दाख सेक्टर के गोगरा-हाटस्प्रिंग क्षेत्र के पेट्रोलिंग प्वाइंट-15 के पास से पूरी तरह से पीछे हट गए हैं। दोनों देशों की सेनाओं ने गतिरोध वाले स्थान (Friction Point) से सैनिकों को वापस लेने की एक दूसरे की वेरिफिकेशन (Verification) प्रक्रिया भी पूरी कर ली है। सरकारी सूत्रों ने समाचार एजेंसी एएनआइ को यह जानकारी दी है। मालूम हो कि दोनों देशों की सेनाओं के गतिरोध वाले स्थान से सैनिकों को पीछे हटाने की पांच दिवसीय प्रक्रिया सोमवार को पूरी कर ली गई थी। इसके साथ ही दोनों देशों की सेनाओं द्वारा बनाए गए अस्थायी बुनियादी ढांचे को भी ध्वस्त कर दिया गया है।

16 वें दौर के वार्ता के बाद निकला हल
भारत और चीन के बीच दशकों से सीमा विवाद जारी है। साल 2020 में पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी में दोनों देशों की सेनाओं के बीच गतिरोध काफी बढ़ गया था, जिसके कारण दोनों देशों के बीच सीमा विवाद गलवान घाटी, पेट्रोलिंग पॉइंट-15 के पास गोगरा-हाटस्प्रिंग क्षेत्र के साथ-साथ डेमचोक और देपसांग तक फैल गया। दोनों देशों के बीच 16वें दौर के बातचीत के बाद गोगरा-हाटस्प्रिंग क्षेत्र (पेट्रोलिंग प्वाइंट-15) से भारत और चीन के सेनाएं सोमवार को पीछे हट गईं है। हालांकि डेमचोक और देपसांग में जारी गतिरोध का समाधान नहीं निकल पाया है।

दोनों देशों की सेनाओं ने की थी पीछे हटने की घोषणा
भारत और चीन की सेनाओं ने गोगरा-हाटस्प्रिंग क्षेत्र (पेट्रोलिंग प्वाइंट-15) से अपनी-अपनी सेनाओं को पीछे हटाने की घोषणा आठ सितंबर को की थी। इस दौरान दोनों देशों की सेनाओं ने कहा था कि जुलाई में सैन्य वार्ता के 16वें दौर के परिणाम के बाद गोगरा-हाटस्प्रिंग क्षेत्र से सौनिकों को वापसी पर सहमति बनी है। जिसके बाद दोनों देशों की सेनाओं ने चरणबद्ध तरीके से पीछे हटना शुरू किया था। नई दिल्ली में सोमवार को एक कार्यक्रम के बाद सेना प्रमुख जनरल मनोज पांडे ने बताया था कि दोनों देशों की सेनाओं की वापसी प्रक्रिया ‘निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार’ ही चल रही है।

 

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