लखनऊ: पूर्वोत्तर रेलवे लखनऊ, गोरखपुर, बस्ती और गोंडा सहित 10 स्टेशनों पर 48 ऑटोमेटिक वाटर वेंडिंग मशीनें लगाएगा। इसके लिए लखनऊ मंडल में टेंडर भी जारी हो चुका है। ये मशीनें लग जाने से यात्रियों को एक बार फिर सस्ता और ठंडा पानी मिल सकेगा।
पूर्वोत्तर रेलवे कोविड महामारी के समय से स्टेशनों पर बंद चल रही वाटर वेंडिंग मशीनों को अब संजीवनी देने की तैयारी में है। आईआरसीटीसी के बाद अब पूर्वोत्तर रेलवे लखनऊ, गोरखपुर, बस्ती, गोंडा सहित 10 स्टेशनों पर 48 वाटर वेंडिंग मशीनें लगाएगा। इसके लिए लखनऊ मंडल में टेंडर भी जारी हो चुका है। ये मशीनें लग जाने से यात्रियों को एक बार फिर सस्ता और ठंडा पानी मिल सकेगा। फिलहाल लखनऊ स्टेशन पर 08, बादशाह नगर स्टेशन पर 02, ऐशबाग स्टेशन पर 03, गोरखपुर स्टेशन पर 12, बस्ती स्टेशन पर 04, खलीलाबाद स्टेशन पर 04, गोंडा स्टेशन पर 06, मनकापुर स्टेशन पर 03, लखीमपुर स्टेशन पर 02 और सीतापुर रेलवे स्टेशन पर 03 वाटर वेंडिंग मशीनें लगाई जाएंगी।
पूर्वोत्तर रेलवे के मुख्य जनसम्पर्क अधिकारी पंकज कुमार का कहना है कि वाटर वेंडिंग मशीनों की स्थापना एवं संचालन के लिए निविदा आमंत्रित की गई थी, लेकिन कोई भी निविदा प्राप्त नहीं हुई है। पूर्वोत्तर रेलवे यात्रियों को शुद्ध पेयजल सहित बेहतर सुविधाएं प्रदान करने के लिए संवेदनशील है। इसी क्रम में रेलवे स्टेशनों पर शुद्ध पेयजल की पर्याप्त व्यवस्था की जाती है। समय-समय पर पेयजल की शुद्धता की भी जांच की जाती है।
उल्लेखनीय है कि वर्ष 2019 में आम यात्रियों की सस्ते में प्यास बुझाने वाली ऑटोमेटिक वाटर वेंडिंग मशीनें पूरी तरह से कंडम हो चुकी हैं। सभी प्लेटफाॅर्म पर लगी मशीनों में अब जंग लग चुका है। ठेकेदार काम छोड़कर भाग खड़े हुए हैं और दूसरा कोई ठेका लेने को तैयार नहीं है। इससे यात्रियों को महज दो रुपये में ठंडा और आरओ का पानी उपलब्ध कराने वाली मशीनों की देखरेख करने वाला अब कोई नहीं है। रेलवे ने वाटर वेंडिंग मशीनों को खोलने के निर्देश तो जारी कर दिया, लेकिन संचालित करने वाली निजी फर्म द्वारा बिजली का बिल जमा नहीं करने के चलते अनुमति नहीं दी गई। तब से लेकर अब तक मशीनें बंद हैं।