जोशीमठ: जोशीमठ प्रभावितों की कई तस्वीरें और कहानियां लगातार सामने आ रही है। जो कि अब जिदंगी जीने का संघर्ष करने के साथ ही अपनी आम जीवन की रुटीन कामों को निपटानें में भी जुट गए हैं। कुछ दिन पहले जिन घरों में अपने भविष्य की प्लानिंग की जा रही थी, वो घर अब विरान हो गए हैं। लेकिन इन घरों से राहत शिविर की तरफ बढ़ चुके लोग अब राहत शिविर से ही अपने सपनों को पूरा करने की कोशिश में लग गए है। ऐसी ही एक कहानी है एक पिता की, जो कि अपने बेटे की धूमधाम से शादी की तैयारी कर रहे थे, लेकिन जोशीमठ के दरकने से अब परिवार ने अपनी खुशियों को दूसरी तरह बांटने का मन बना लिया है।
जोशीमठ में भू धंसाव और दरारें आने के बाद स्थानीय लोगों की जहां समस्याएं बढ़ गई हैं, वहीे दूसरी तरफ लोगों के सामने अब अपने जरुरी काम निपटाने की भी चुनौती सामने है। जोशीमठ में रह रहे सैंकड़ों परिवारों को अपना आशियान छोड़कर राहत शिविर में शरण लेनी पड़ी है। जिससे उनके कई जरुरी काम लटक गए है। लेकिन कहते हैं कि जिदंगी सबको परेशानियों और तकलीफों के बीच रास्ता निकालना सीखा देती है। या यूं कहें कि मजबूरी में इंसान खुद ही एक कदम आगे बढ़ने की कोशिश करने लगता है। ऐसी ही एक कहानी है सिंहधार वार्ड के रघुवीर सिंह कुंवर की। रघुवीर सिंह कुंवर के बेटे रोहित की 26 जनवरी को शादी तय है। रघुवीर इन दिनों अपने परिवार के साथ राहत शिविर में रह रहे हैं। राहत शिविर से ही पूरा परिवार शादी की तैयारियों में जुटे हैं।
यहीं से शादी के कार्ड लिखकर वे अपने परिचितों को सूचना दे रहे हैं। परिवार ने तय किया है कि शादी अब जोशीमठ से करीब 20 किमी दूर सलूड़ डुंग्रा गांव से करनी पड़ रही है। रघुवीर चाय की दुकान चलाकर अपने परिवार का पालन पोषण करते हैं। जोशीमठ भू धंसाव में उनका घर भी प्रभावित हुआ है। वे माउंट व्यू होटल के पास ही रहते हैं। इस वजह से उनके घर भी खतरे में है। इस तरह अब राहत शिविर से ही शादी की तैयारियां चल रही हैं। परिवार वालों ने पूरा सामान गांव भिजवा दिया है। शादी अब गांव से ही की जाएगी।